मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हाल ही में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के एक ‘बिचौलिये’ ने उन्हें मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए (तत्कालीन) महा विकास आघाडी सरकार के बड़े नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने को कहा था। हालांकि, इन आरोपों को फडणवीस ने नकार दिया। अब इस मामले में मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी और 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली मामले में आरोपी सचिन वाजे (Sachin Waje) ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो भी कुछ होगा, उसका सबूत वहीं है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हैं। सचिन वाजे (Sachin Waje) ने यह भी बताया कि पैसे अनिल देशमुख के पीए के माध्यम से जाता था।
सचिन वाजे (Sachin Waje) ने कहा, “जो कुछ भी हुआ, उसका सबूत मौजूद है। पैसा अनिल देशमुख के पीए के माध्यम से जाता था। सीबीाई के पास सबूत है और मैंने देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्ठी भी लिखी। मैंने सबूत जमा कर दिया है। मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं। मैंने चिट्ठी में जयंत पाटिल का भी नाम शामिल किया है।” बता दें कि सचिन वाजे 2021 एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले में भी आरोपी हैं।
क्या है पूरा मामला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। एनसीपीएसपी के नेता ने समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि (तब विपक्ष में रहे) फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गए एक व्यक्ति ने उनसे मुलाकात की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे।
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पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उन्हें खुद को मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।