उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में खनन कारोबारी एवं बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के पूर्व एमएलसी इकबाल अहमद और उनके दो बेटों मोहम्मद जावेद तथा मोहम्मद अली की संपत्ति कुर्क किए जाने का आदेश जिलाधिकारी अखिलेश सिंह की ओर से जारी कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने गुरूवार को यहां बताया कि मिर्जापुर निवासी और ग्लोकल यूनिवर्सिटी के निदेशक हाजी इकबाल की ओर से 13 मई 2015 को यमुना एग्रो सोल्यूशन फर्म नाम से पंजाब नेशनल बैंक में खाता खुलवाया गया था। हाजी इकबाल ने रिश्तेदार के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक खाता खुलवाया, भारी नकदी जमा की और निकासी की।
पिंडदान के दौरान अलग-अलग हादसों में दो की मौत, एक घायल
नोटबंदी के दौरान चालू खाते का इस्तेमाल सौरभ, मुकुंद और विनोद ने एमएलसी इकबाल की कंपनियों एवं फर्जी फर्मों में स्थानांतरण किया। बड़ी मात्रा में अवैध धन के लेन-देन के सबूत अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक नीरज कुमार की तफ्तीश में सामने आए।
विवेचक निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि इकबाल उसका बेटा जावेद और मोहम्मद अली उर्फ तारीक ने खाताधारक विश्वास कुमार के स्थान पर बैंकों के रिकार्ड में कूटरचना करके जावेद अली को इस फर्म का पार्टनर बना दिया। जिसमें इकबाल की बैंककर्मियों से सांठगांठ भी सामने आई है।
एटा के जिलाधिकारी एंटीजन जांच में मिले कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती
जिलाधिकारी ने कुर्की के आदेश जारी करते हुए इन आरोपियों की न्यायालय की अनुमति से संपत्ति जब्त किए जाने के आदेश जारी किए हैं। इकबाल बाल्ला और उसके एमएलसी भाई मोहम्मद अली के खिलाफ ईडी, सीबीआई और दूसरी वित्तीय खुफिया एजेंसियां कई सालों से भारी अनियमितताओं और घोटालों की जांच कर रही हैं।
इन्हीं जांचों को पूर्व जिलाधिकारी प्रमोद पांडे ने भी आगे बढ़ाया था। मौजूदा कमिश्नर संजय कुमार उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर जांच कर चुके हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि प्रशासन ने इकबाल बाल्ला और उसकी तमाम अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाई हुई है।