नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को मीडिया में आई उन रिपोर्ट को खारिज कर दिया कि औद्योगिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) की नई श्रृंखला आने से सरकारी और औद्योगिक कामगारों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। सीपीआई-आईडब्ल्यू का उपयोग मुख्य रूप से सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों और बीमा कंपनियों समेत संगठित क्षेत्र में काम करने वालों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को मापने में किया जाता है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 16 अक्तूबर 2020 को मीडिया के एक हिस्से में सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा अधिक महंगाई भत्ता शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट का खंडन करता है।
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बयान के अनुसार मंत्रालय ने कभी नहीं कहा कि नए सूचकांक में औद्योगिक श्रमिकों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। मंत्रालय से संबद्ध श्रम ब्यूरो, 2016 को आधार वर्ष मानकर औद्योगिक श्रमिकों के लिए 21 अक्तूबर, 2020 को सीपीआई-आईडब्ल्यू की नई श्रृंखला जारी करने जा रहा है। फिलहाल सूचकांक का आधार वर्ष 2001 है। यह सूचकांक सरकारी कर्मचारी और संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को देय महंगाई भत्ते में संशोधन के लिए उपयोग किया जाता है।
बयान के अनुसार हालांकि, श्रम मंत्रालय ने कभी नहीं कहा कि नए सूचकांक से औद्योगिक श्रमिकों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। यह नई श्रृंखला के व्यवहार पर निर्भर करेगा और इस समय इसके बारे में भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगा।