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अमेरिका व कनाडा में फैला साल्मोनेला, लोगों को प्याज न खाने का जारी किया अलर्ट

प्याज न खाने का अलर्ट जारी

प्याज न खाने का अलर्ट जारी

नई दिल्ली। पूरी दुनिया अभी कोरोना संक्रमण से जूझ ही रहीं है। इसी के बीच अमेरिका और कनाडा के सामने एक नई चुनौती सामने आई है। बता दें कि अमेरिका और कनाडा में प्याज के कारण एक तरह का बैक्टीरियल संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

प्याज से फैलने वाले इस संक्रमण को देखते हुए अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अलर्ट जारी कर दिया है। जानें क्या है ये संक्रमण और कैसे इससे बचा जा सकता है?

अमेरिका में प्याज खाने के कारण 400 से ज्यादा लोग बीमार

अमेरिका में प्याज खाने के कारण 400 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं। लाल और पीली प्याज के कारण अमेरिका के 34 स्टेट्स में इंफेक्शन फैल चुका है। साथ ही कनाडा में भी 50 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं। मामला पकड़ में आने पर सीडीसी ने इसे लेकर चेतावनी दी है कि लोग फिलहाल प्याज खाने से परहेज करें। ये प्याज एक खास कंपनी थॉमसन इंटरनेशनल द्वारा बाजार तक लाए गए थे।

मई में कंपनी से होते हुए लाल और लगभग सारी ही तरह की प्याज की किस्में अमेरिका के सारे स्टेट्स तक पहुंच गईं हैं। अब इस्तेमाल में आना शुरू होने के बाद संक्रमण के मामले आने लगे। तब चेतावनी दी गई कि लोग प्याज न खाएं या जमा कर रखा हो तो उसे फेंक दें। चूंकि बैक्टीरियल संक्रमण संक्रामक है इसलिए ये भी कहा जा रहा है कि जिस भी जगह या बर्तन में प्याज रखा हो, उसे भी अच्छी तरह से सैनेटाइज किया जाए।

जानें क्या है साल्मोनेला संक्रमण?

ये एक तरह का बैक्टीरिया है, जो आंतों पर अटैक करता है। खाने की चीजों के साथ-साथ अंडे, चिकन और फल-सब्जियों में भी ये बैक्टीरिया पाया जाता है। कई बार ये एग्जोटिक फूड खाने के शौकीनों के कारण भी फैलता है, जैसे चीन में सांप या छिपकली खाने वालों के कारण साल्मोनेला फैल सकता है।

साल्मोनेला के बारे में कई स्टडीज हो चुकी हैं। इनके मुताबिक इस संक्रमण के 87 फीसदी मामले सीधे-सीधे दूषित खाना खाने से होते हैं। 10 प्रतिशत मामले एक संक्रमित से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक फैलते हैं, जबिक 3 प्रतिशत मामले संक्रमित जानवरों से लोगों तक जाते हैं।

कैसे पहचानेगें बीमारी के लक्षण?

साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित खाना खाने पर ये आंतों में पहुंचकर संक्रमण फैलाने लगता है। इससे मरीज में पेट दर्द, उल्टी, बुखार, सिर दर्द और आंखों में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। आमतौर पर कमजोर इम्यून सिस्टम वालों में ये लक्षण और गंभीर होकर सामने आते हैं। उनके स्टूल से खून आने लगता है और अस्पताल में भर्ती कराने तक की नौबत आ जाती है।

सामान्य लक्षणों वाले मरीज 4 से 7 दिनों में ठीक हो जाते हैं, जबकि गंभीर मरीजों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खाना या पानी शरीर में न रह पाने के कारण उन्हें डीहाइड्रेशन का खतरा भी रहता है। संक्रमण से ज्यादातर पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों या 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को खतरा होता है।

अमेरिका में साल्मोनेला संक्रमण आउटब्रेक नया नहीं है, पहले भी आ चुके हैं मामले

वैसे अमेरिका में साल्मोनेला संक्रमण आउटब्रेक नया नहीं है। साल 2009 में भी इसके 40 हजार से ज्यादा मामले आए थे। इससे काफी ज्यादा मामले अनरिपोर्टेड रहे होंगे, ऐसा माना जाता है। सीडीसी का मानना है कि हर साल केवल इसी बैक्टीरिया के कारण 1.4 मिलियन लोग संक्रमित होते हैं, इनमें से 15000 से ज्यादा को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ जाती है, जबकि 400 से ज्यादा जानें चली जाती हैं। इस बार भी आउटब्रेक के डर से सीडीसी ने तुरंत ही अलर्ट जारी कर एक खास कंपनी से आयातित प्याज न खाने की सलाह दी।

भारत और पाकिस्तान भी संक्रमण के शिकार

भारत में भी इस बैक्टीरियल संक्रमण के मामले आ चुके हैं। साल 2019 में एक बेहद मशहूर मसाला कंपनी के सांबर मसालों में साल्मोनेला बैक्टीरिया पाए गए, जिसके बाद मसालों की कई लॉट्स हटा दी गई थीं। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस बैक्टीरिया के कारण हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। ऑनलाइन जर्नल विली में आई रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल कोरोना के साथ-साथ गर्मी और बारिश के कारण पाकिस्तान साल्मोनेला का प्रकोप भी झेल रहा है।

हालांकि साल्मोनेला से बचना उतना मुश्किल नहीं। इसके लिए भी एक्सपर्ट हाइजीन प्रैक्टिस रखने की सलाह देते हैं। इसमें बार-बार हाथ धोना, खाना पकाने से पहले सब्जियों को अच्छी तरह से धोने की सलाह दी जाती है। साथ ही साथ अधपका मांस न खाना भी इस बैक्टीरिया से बचने का एक तरीका हो सकता है।

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