नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान आज भारत आ गया। फ्रांस से मिली पांच विमानों की पहली खेप UAE के रास्ते अंबाला एयरबेस पर पहुंची। इस बीच जो भारतीय वायुसेना के पायलट इन विमानों को भारत लाए हैं, उनके परिवार वालों और गांव वासियों को उन पर गर्व महसूस हो रहा है।
विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी राफेल को फ़्रांस से अंबाला लाएं हैं। उनका पूरा परिवार जयपुर में रहता है। अभिषेक ने भी वहीं से अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन उनके पैतृक गांव हरदोई में भी खुशी का माहौल है और हर कोई उनपर गर्व कर रहा है।
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अभिषक के अलावा राफेल विमान को लेकर फ्रांस और भारत के बीच डील करवाने वक्त पर इन विमानों की डिलीवरी कराने में जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एयर कॉमोडोर हिलाल अहमद की भी जमकर तारीफ हो रही है। वो फ्रांस में भारतीय वायुसेना से अटैच हैं, डील करवाने में उनका काफी अहम योगदान रहा।
ये विमानों को 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कमांडिंग आफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह की अगुवाई में भारत आए हैं। बताया जा रहा है कि ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह की पत्नी विंग कमांडर हैं और ग्राउंड क्रू मेंबर्स का हिस्सा हैं। इस समय वह अंबाला एयरबेस पर मौजूद थीं। उनके अलावा राफेल विमान को लेकर आ रहे सभी पायलट के परिवार को भी सेरेमनी में बुलाया गया था।
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जानकारी के अनुसार 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह शौर्य चक्र विजेता हैं। उन्होंने 12 साल पहले मिग-21 की सुरक्षित लैंडिंग कराई थी। उड़ान भरने के बाद इस मिग-21 का इंजन बंद हो गया और कॉकपिट में अंधेरा छा गया था। उन्होने इमरजेंसी लाइट के जरिए किसी तरह आग पर काबू पाया था। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने मिग-21 का दोबारा इंजन स्टार्ट किया। उन्होंने इंजन चालू करके ग्राउंड कंट्रोल की मदद से नेविगेशन सिस्टम के जरिए रात में लैंडिंग की। मिग-21 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए हरकीरत सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। जब यह वाक्या हुआ, तब हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे।