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मेरठ में मेडिकल कॉलेज की लापरवाही से कोरोना जांच की सैंपल कलेक्शन ट्यूब सड़क पर फैलीं

सैंपल कलेक्शन ट्यूब

सैंपल कलेक्शन ट्यूब

मेरठ। देशभर में जहां कोरोना वायरस का खौफ है। वहीं, मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बार-बार लापरवाही सामने आ रही हैं। पहले बंदर कोरोना मरीजों के ब्लड सैंपल ले गए थे और अब मेडिकल में कोरोना जांच की सैंपल कलेक्शन ट्यूब (मेडिकल की भाषा में वीटीएम) ही सड़क पर फैल गईं। मेडिकल कॉलेज में हुई इस लापरवाही का रविवार को वीडियो वायरल हुआ तो खलबली मच गई।

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मेडिकल की माइक्रोबायोलॉजी लैब से वीटीएम (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया) को नष्ट करने के लिए ले जाया जा रहा था। ओवरलोड होने के कारण रिक्शे से पॉलीथिन बैग सड़क पर गिरकर फट गया और वीटीएम बिखर गई। बाद में कर्मचारियों ने उसे वापस बैग में भरा और ले गए। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने यह लापरवाही देखी तो इसका वीडियो बना लिया, जो वायरल हो गया। लोगों ने इस लापरवाही से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका जताई है।

बंदर वाला वीडियो हो चुका वायरल इससे पहले 29 मई को मेडिकल कॉलेज में बंदर कोरोना के तीन मरीजों के ब्लड सैंपल लैब टेक्नीशियन से छीनकर ले गए थे। जब तक टेक्नीशियन कुछ समझ पाता, बंदर सैंपल लेकर पेड़ पर चढ़कर सैंपल को ही चखने लगे थे और सैंपल को चबा चबाकर फेंकने लगे थे। इसका भी वीडियो वायरल हुआ था।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग का कहना है कि वीटीएम को निष्क्रिय कर फिर नष्ट करने के लिए भेजा जाता है, इसलिए खतरा नहीं है। निजी कंपनी के पास बॉयोमेडिकल वेस्ट डिस्पोज करने का ठेका है, उसी के कर्मचारी इसे ले जा रहे थे। हालांकि सड़क पर इस तरह फैलना सही नहीं है। इसे दुरुस्त कराएंगे।

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क्या है वीटीएम

कोरोना संदिग्ध मरीज के नाक से नमूना लिया जाता है। रुई लगी डंडीनुमा सींक को नाक और गले में डालकर सवाब लिया जाता है और इसे परखनली में डाल देते हैं। इसे ही वीटीएम कहते हैं। बाद में थर्माकोल के बॉक्स में जांच के लिए भेजा जाता है।

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