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संजय राउत बोले- राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी लांघ रहे हैं मर्यादा

संजय राउत Sanjay Raut

संजय राउत

 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखने के बाद राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सेक्युलर होने पर भी सवाल पूछना चाहिए।

प्रधानमंत्री को खुलकर सामने आना चाहिए कि आज रात से सभी मंदिर खुलेंगे,  हम फिर मंदिर खोल देंगे

संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और हमारा संविधान भी सेक्युलर है, हिंदुत्व जरूर हमारे मन में..हमारे कार्यों में है, लेकिन देश तो सेक्युलर से चलता है। राज्यपाल अगर सीएम के सेक्युलर होने पर सवाल उठाते हैं तो राष्ट्रपति को यही सवाल राज्यपाल और पीएम से पूछना चाहिए।शिवसेना सेक्युलर है के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर मंदिर की बात है तो एक राष्ट्रीय पॉलिसी बनानी चाहिए। प्रधानमंत्री को खुलकर सामने आना चाहिए कि आज रात से सभी मंदिर खुलेंगे। हम फिर मंदिर खोल देंगे।

राज्यपाल के पत्र पर संजय राउत का पलटवार

इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा था कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सिर्फ यह देखना चाहिए कि महाराष्ट्र में संविधान के अनुसार शासन चल रहा है। नहीं और बाकी चीजों की देखभाल के लिए लोगों द्वारा एक निर्वाचित सरकार है। राज्य में उपासना स्थलों को खोलने को लेकर कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखने और उस पर ठाकरे के जवाब के आलोक में राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि शिवेसना का हिंदुत्व दृढ है और मजबूत बुनियाद पर टिका है। उसे इस पर किसी से पाठ की जरूरत नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि अब भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है। उसका हवाला देते हुए राउत ने कहा कि स्वास्थ्य चिंता के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखना ठाकरे की जिम्मेदारी है। राज्यपाल को तो यह काम अच्छी तरह करने के लिए ठाकरे की प्रशंसा करनी चाहिए। राउत ने कहा कि कोश्यारी राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। उन्हें यह देखना है कि राज्य में शासन संविधान के अनुसार चल रहा है या नहीं। बाकी बातों के लिए लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार है। वह निर्णय लेती है।

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की कार्रवाई की खबरों का जिक्र करते उन्होंने कहा कि यह राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नहीं बल्कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख को बताना है कि सेना को ऐसे मामलों में क्या करना चाहिए। शिवसेना नेता ने कहा कि इसी प्रकार महाराष्ट्र में लोगों द्वारा निर्वाचित सरकार, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद है जो कोविड-19 संकट पर गौर करके यह तय करेगी कि राज्य में पाबंदियों में कैसे ढील दी जाए। राज्यपाल द्वारा मुख्मयंत्री से यह सवाल करने पर कि क्या वह धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं, राउत ने कहा कि क्या कोश्यारी धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं।

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