मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कई सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि सुशांत का परिवार मतलब पिता पटना में रहते हैं। उनके पिता से उसके संबंध अच्छे नहीं थे। उन्होंने कहा कि सुशांत के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी जिस सुशांत ने स्वीकार नहीं किया था। पिता से उसका भावनात्मक संबंध शेष नहीं बचा था। उसी पिता को बरगलाकर बिहार में एक एफआईआर दर्ज कराई गई। मुंबई में घटे गुनाह की जांच करने के लिए बिहार की पुलिस मुंबई आई।
इस पूरे दौर में सुशांत, पिता और अन्य रिश्तेदारों से कितनी बार मिला। सुशांत कितनी बार पटना गया, ये सामने आने दो। अंकिता लोखंडे और रिया चक्रवर्ती ये दो अभिनेत्रियां उसके जीवन में थीं। इनमें से अंकिता ने सुशांत को छोड़ दिया था और रिया उसके साथ थी। अब अंकिता, रिया चक्रवर्ती के बारे में अलग बात कर रही है। असल में अंकिता और सुशांत अलग क्यों हुए इस पर प्रकाश डालने के लिए कोई तैयार नहीं है, जो कि जांच का एक हिस्सा होना चाहिए।
संजय राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस पर आरोप लगाकर बिहार सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की है। 24 घंटे के अंदर यह मांग मान भी ली गई। यह राज्य की स्वायत्ता पर सीधा हमला है। सुशांत का मामला कुछ और समय मुंबई पुलिस के हाथ में रहता तो आसमान नहीं टूट जाता, लेकिन यह राजनीतिक निवेश और दबाव की राजनीति है। उन्होंने यहां तक कहा कि सुशांत प्रकरण की ‘पटकथा’ पहले ही लिखी गई थी।
शिवसेना सांसद ने कहा कि ‘मुंबई पुलिस का अपमान’
शिवसेना सांसद ने कहा कि मुंबई पुलिस दुनिया का सर्वोच्च जांच तंत्र है। मुंबई पुलिस दबाव का शिकार नहीं होती। यह पूरी तरह प्रफेशनल है। शीना बोरा हत्याकांड से लेकर 26/11 आतंकवादी हमले का जवाब मुंबई पुलिस ने ही दिया। सशक्त सबूत इकट्ठा करके कसाब को फांसी पर पहुंचाया। सुशांत जैसे मामले में केंद्र का हस्तक्षेप करना मुंबई पुलिस का अपमान है।
सीबीआई स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं , सुप्रीम कोर्ट पर भी उठाए सवाल
संजय राउत ने सीबीआई पर आरोप लगाया कि सीबीआई स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है। जिनकी सरकार केंद्र में होती है, सीबीआई उनकी ताल पर काम करती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं पर बीते कुछ वर्षों में सवालिया निशान लग चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में बीजेपी उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। सरकार नहीं गिरा पा रहे हैं तो बदनाम किया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर हाथ आजमाने की तैयारी में हैं बिहार के डीजीपी
बिहार के डीजीपी के बारे में संजय राउत ने कहा कि 2009 में वह डीआईजी रहते हुए पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर सीधे राजनीति में कूद गए। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बक्सर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए खड़े हो गए, लेकिन भाजपा के सांसद लालमुनि चौबे की बगावत करने की धमकी दिए जाने के साथ ही चौबे की उम्मीदवारी फिर बरकरार कर दी गई। इससे गुप्तेश्वर पांडे बीच में ही लटक गए। उनकी अवस्था ‘न घर के न घाट के’ जैसी हो गई। इस तरह से राजनीति में घुसने का उनका मिशन फेल हो गया। उसके बाद उन्होंने सेवा में लौटने के लिए फिर आवेदन किया। अब वह आगामी विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने की तैयारी कर रहे हैं।