Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

संजय सिंह बोले- हाथरस का सच छिपाने के दोषी अधिकारियों पर हो कार्रवाई

संजय सिंह sanjay singh

संजय सिंह

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को कहा कि हाथरस कांड के सबूत मिटाने के लिये योगी सरकार ने पूरी ताकत लगा दी लेकिन सीबीआई की चार्जशीट से दलित की बेटी को न्याय मिला है और अब देखना यह है कि सरकार हाथरस कांड का सच छिपाने वाले दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करती है।

श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि बाल्मीकि समाज की बच्ची को न्याय पाने के लिए योगी राज में दर दर की ठोकरें खानी पड़ी। घटना के आठ दिन बाद अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है। प्रदेश सरकार उस बच्ची को सही तरह से इलाज नहीं दे पाई। पहले अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया जहां रिपोर्ट में रेप की पुष्टि की गई। और जब बच्ची की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तो उसे दिल्ली रेफर किया गया जहाँ उस बच्ची की मौत हो जाती है।

उन्होंने कहा इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन बलात्कारियों पर कार्यवाही करने की बजाये पीड़िता के परिजनों को डराने धमकाने का काम किया। सबूत मिटाने के लिए रात दो बजे पुलिस जबरन उस बच्ची का शव परिजनों की अनुपस्थिति में जला देते है। शव जलाने के बाद कहा जाता है कि ये घटना तो बलात्कार का था ही नहीं। इसका मतलब साफ है कि भारतीय जनता पार्टी और आदित्यनाथ उन बलात्कारियों को बचाने में लगी है। आज सीबीआई की जाँच में खुलासा हुआ कि हाथरस कांड में बच्ची का गैंगरेप के हत्या में वही चारों आरोपी जिम्मेदार है।

प्रशासनिक अधिकारी के पुत्र की होटल में हुई संदिग्ध मौत, जांच में जुटी पुलिस

आप नेता ने कहा “ बसपा प्रमुख बहन मायावती शुरू से लेकर अब तक चुप है, जिस तरह से उत्तर प्रदेश के अंदर दलितों पर अत्याचार हो रहा है, जिस तरह से दरिंदगी की शिकार दलित समाज की बच्ची हुई उनको न्याय दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी उनके साथ खड़ी है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के रहते हुए किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है हम आपको हर स्तर में न्याय दिलाने का काम करेंगे। अब आपको दलित समझकर आपकी आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा। ”

उन्होंने कहा अब तक उत्तर प्रदेश में जितनी भी घटनाएँ हुई है अगर उत्तर प्रदेश सरकार के भरोसे रही तो उनमें लीपापोती के अलावा कुछ नहीं होगा। अब तक जितनी भी बच्चीयों के साथ रेप की घटनाएं हुए उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट चला कर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच करवाई जाए।

Exit mobile version