अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त को होने जा रहा है। ऐसे में राम मंदिर आंदोलन में जान गंवा चुके बिहार के संजय कुमार के परिवार को निमंत्रण आने का इंतजार है। उन्होंने मांग की है कि मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले लोगों के शिलापट्ट भी मंदिर परिसर में कहीं लगाए जाएं।
बता दें, 2 नवंबर 1990 के दिन 5 हजार कारसेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था। हनुमान गढ़ी के पास पीछे से यूपी पुलिस ने गोली चला दी जिसमें 5 लोगों की जान चली गई थी। उसी में एक मुजफ्फरपुर जिले के साइन गांव के संजय कुमार सिंह भी थे। संजय कुमार पुलिस की गोली के शिकार हुए और उनकी मौत हो गई।
संजय अपने परिवार के इकलौते बेटे थे और विधवा बूढ़ी मां और दो मासूम बच्चियों का जीवन चलाते थे। संजय की मौत से परिवार काफी प्रभावित हो गया, क्योंकि दोनों बच्ची की उम्र काफी कम थी। पहली बेटी दो वर्ष नौ महीने की और दूसरी बेटी 45 दिन की ही थी।
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संजय की मौत के बाद परिवार को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। संजय की बड़ी बेटी स्मृति संजय ने निमंत्रण नहीं मिलने की बात कही और मांग की है कि उन्हें निमंत्रण मिलना चाहिए था। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए बताया कि याद तो काफी कम है लेकिन परिवार में अचानक माहौल बदल गया और पिताजी की मृत्यु के बाद परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा। आज काफी खुशी हो रही है कि पिताजी का सपना, जिसके लिए उन्होंने जान गंवाई, वह पूरा हो रहा है। बेटी ने कहा कि मां जीवित होती तो और खुशी होती।
उस समय संजय के काफी नजदीकी मित्र रहे अरविंद कुमार ने बताया कि 2 नवंबर 1990 की घटना है। कार सेवकों की टोली मंदिर की ओर बढ़ रही थी। इतने में हनुमान गढ़ी के पास पीछे से पुलिस ने गोली चला दी जिसमें 5 लोगों का जान चली गई। अब मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा है। इसलिए संजय के परिवार को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए. मीडिया के माध्यम से भी मांग करते हैं कि संजय के परिजनों को आमंत्रण मिले।