कानपुर। कानपुर के बर्रा में हुए अपहरण कांड में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। संजीत का अपहरण करने के बाद उसके दोस्तों ने घर से मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर एक किराए का कमरा लेकर उसे बंधक बनाकर रखा था। इस दौरान अपहरणकर्ता आधे आधे घंटे तक फोन पर बात करते थे लेकिन सर्विलांस टीम उनकी लोकेशन नहीं ढूंढ सकी।
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बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी।
बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया।
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इसके बाद उसे बंधक बना लिया। चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया।
तीन दिन बाद 29 जून की शाम को संजीत के पिता चमन सिंह यादव को फोन कर फिरौती मांगी गई। परिजनों ने पुलिस के कहने पर मकान, जेवर बादि बेचकर जैसे तैसे 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की और 13 जुलाई को अपहर्ताओं के सौंप दिए लेकिन पुलिस अपहर्ताओं को नहीं पकड़ पाई और वे 30 लाख लेकर भाग गए।