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संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से पूजा करने पर जरूर प्रसन्न होंगे गणपति महाराज

Vikata Sankashti Chaturthi

Vikata Sankashti Chaturthi

संकष्टी गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन गणेश जी की अराधना की जाती है। कहा जाता है जो भी भक्त गणेश जी की पूजा सच्चे मन से करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार 27 जुलाई को संकष्टी गणेश चतुर्थी है। आइए जानते हैं संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा-विधि।

संकष्टी गणेश चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में गणेश चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु गणेश चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही उनके सारे दुःख हर लेते हैं।

संकष्टी गणेश चतुर्थी पूजा-विधि

सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।

व्रत संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें और मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।

पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।

ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।

शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें।

पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए।

इसके बाद भगवान गणेश के आगे दीप जला कर फूलों की माला अर्पित करें।

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