भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार सुपर हैवीवेट का क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गए. मगर उन्होंने दिल जीत लिया। न सिर्फ अपने भारतीय प्रशंसकों का, बल्कि अपने विपक्षी खिलाड़ी का भी। उन्होंने दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज उज्बेकिस्तान के बाखोदिर जालोलोव का क्वार्टर फाइनल में डटकर सामना किया। भारतीय सेना के जवान सतीश ने इस मुकाबले में भी सैनिक वाला जज्बा दिखाया।
दरअसल प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उनके माथे और ठुड्डी पर चोट लग गई थी। उन्हें 7 टांके लगे थे। क्वार्टर फाइनल में भी उनके खेलने पर संशय था, मगर मेडिकल जांच के बाद उन्हें जालोलोव के खिलाफ रिंग में उतरने की मंजूरी मिल गई। भले ही वह 0-5 से हार गए, मगर अपनी बहादुरी के कारण लोगों का दिल जीतने में सफल रहे।
क्वार्टर फाइनल के तीसरे राउंड में उनके माथे पर लगा घाव खुल गया था। थोड़ा सा खून जालोलोव के कंधों पर भी गिर गया था, मगर इसके बावजूद वह लड़ते रहे। उनके इसी जज्बे को इस खिलाड़ी ने भी सलाम किया।
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भारतीय मुक्केबाज के रिंग से बाहर निकलने से पहले उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज ने उन्हें कसकर गले लगाकर उनके जज्बे की तारीफ की। सतीश कुमार 2008 में बतौर सिपाही भारतीय सेना में शामिल हुए थे। आर्मी ट्रेनिंग कैंप में कोच रविशंकर सांगवान की नजर सतीश पर पड़ी और इसके बाद उनका एक नया सफर शुरू हुआ।