Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

शनि की साढ़ेसाती हमेशा बुरा परिणाम नहीं देती, जानिए कैसे

Shani

Shani Dev

व्यक्ति पर चल रही साढ़ेसाती के दौरान यदि गोचर का शनि उसकी कुंडली में स्थित जन्मकालीन शनि पर गोचर करे अर्थात व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि जिस राशि में स्थित है उस राशि में साढ़ेसाती के दौरान का शनि आए तो ऐसे शनि की साढ़ेसाती बहुत शुभ परिणाम देती है।

इसके अलावा साढ़ेसाती के दौरान यदि तात्कालिक शनि व्यक्ति की कुंडली में स्थित अपने मित्र ग्रह बुध, शुक्र पर शनि पर गोचर करता है तो भी साढ़ेसाती के दौरान अच्छे परिणाम मिलते हैं। जन्मकुंडली में बृहस्पति जिस राशि में स्थित है उस राशि में यदि साढ़ेसाती के दौरान शनि आता तो भी साढ़ेसाती का उस समय व्यक्ति को बहुत शुभ परिणाम देता है।

साढ़ेसाती के दौरान जब तात्कालिक शनि व्यक्ति के जन्मकालिक शनि पर गोचर करता है या व्यक्ति की कुंडली में स्थित शनि से सातवीं राशि में जब तात्कालिक शनि आता है तो ऐसे में साढ़ेसाती होते हुए भी व्यक्ति को अपने कॅरियर या आजीविका में उन्नति और अच्छी सफलता मिलती है।

इसी तरह से जब कुंडली में स्थित जन्मकालिक बृहस्पति वाली राशिन में तात्कालिक शनि आता है तो भी व्यक्ति उन्नति करता है। साढ़ेसाती के दौरान यदि तात्कालिक शनि व्यक्ति की कुंडली में स्थित जन्मकालिक शुक्र पर गोचर करे तो ऐसे में साढ़ेसाती बहुत शुभ फल प्रदान करने वाली होती है और व्यक्ति के जीवन में भौतिक संसाधन और समृद्धि बढ़ती है।

यानी किसी भी व्यक्ति पर चल रही शनि की साढ़ेसाती में पूरे साढ़े सात साल बुरे जैसा ही परिणाम देंगे, यह जरुरी नहीं हैं। साढ़ेसाती का परिणाम जन्मकालीन ग्रह स्थित के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न होता है और साढ़ेसाती के दौरान तात्कालिक शनि हमारी जन्मकुंडली में स्थित किसी जन्मकालीन ग्रह पर तो गोचर तो नहीं कर रहा है, यह देखना भी बहुत जरुरी है।

साढ़ेसाती के परिणाम को सामान्यत: देखें तो जब किसी व्यक्ति के जीवन में साढेसाती का प्रवेश होता है तो संघर्ष बढ़ने लगता है। कार्यों में बाधाएं आने लगती हैं। व्यक्ति को बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। जीवन में उताव-चढ़ाव बहुत आते हैं। लेकिन विशेष स्थितियों में साढ़ेसाती के बहुत शुभ फल भी प्राप्त होते हें और इस दौरान व्यक्ति उच्च सफलता पाता है।

Exit mobile version