माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला (Satya Nadella) ने हाल ही में कंपनी के बदलते माहौल पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि वह AI के खतरे से परेशान हैं। उन्होंने माना कि माइक्रोसॉफ्ट का भविष्य खतरे में हो सकता है, खासकर अगर AI टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ कंपनी खुद को नहीं ढाल पाई तो। उन्होंने ये बात कंपनी की टाउन हॉल मीटिंग में कही। नडेला ने कंपनी के बदलते कल्चर और भविष्य को लेकर अपने व्यक्तिगत डर भी बताया।
द वर्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार , नडेला (Satya Nadella) ने कहा, “हमारे द्वारा बनाए गए कुछ सबसे बड़े व्यवसाय शायद आगे चलकर उतने प्रासंगिक न रहें।” उन्होंने कहा, “हमारी इंडस्ट्री ऐसी कंपनियों के केस स्टडीज से भरी पड़ी है जो कभी बहुत अच्छी थीं, लेकिन अचानक गायब हो गईं।”
उन्होंने डिजिटल इक्विपमेंट कॉर्पोरेशन (DEC) का उदाहरण दिया, जो IBM और अन्य प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला नहीं कर पाई और धीरे-धीरे अस्तित्व से गायब हो गई।
माइक्रोसॉफ्ट के बदलते कल्चर पर सवाल
माइक्रोसॉफ्ट सीईओ नडेला (Satya Nadella) की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एक यूके-बेस्ड कर्मचारी ने कंपनी के बदलते माहौल पर सवाल उठाए हैं। कर्मचारी का कहना था कि कंपनी का वातावरण अब पहले जैसा नहीं रहा है, और अब इसे “colder, more rigid” और “less empathetic” महसूस किया जाता है। इसके जवाब में, नडेला ने स्वीकार किया कि कंपनी को अपनी संस्कृति में बदलाव लाने की आवश्यकता है और कहा कि उन्हें अपने कर्मचारियों के साथ विश्वास बहाली की दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है।
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल के दिनों में अपनी नीतियों में कई बदलाव किए हैं, जो कर्मचारियों को ऑफिस लौटने के लिए प्रेरित करने के लिए हैं। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को कम से कम तीन दिन कार्यालय में आने का आदेश दिया है, और यह भी कहा कि जो लोग इस नए नियम का पालन नहीं करेंगे, उनका प्रमोशन प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही, माइक्रोसॉफ्ट ने परफॉर्मेंस में गिरावट को लेकर सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल फरवरी में घोषणा की थी कि वह अपनी workforce का 3% हिस्सा घटाएगा, यानी लगभग 6,000 कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा। फरवरी 2026 से यह नई कार्यस्थल नीति लागू होनी है।