नई दिल्ली| भारत-अमेरिकी से तनातनी और कोरोना संकट के बीच सऊदी अरब की एक तेल कंपनी ने चीन को बहुत बड़ा झटका दिया है। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने चीन के साथ करीब 75 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर ) का एक करार खत्म करने का फैसला किया है।
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सूत्रों का कहना है कि कोरोना की वजह से तेल की मांग में गिरावट आई है जिससे तेल काफी सस्ता हो गया है। इससे तेल कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। अरामको की स्थिति भी इससे अलग नहीं है।
ऐसे में मौजूदा हालात को देखते अरामको ने इस करार को खत्म करने का फैसला किया है। अरामको ने चीन की कंपनी चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन और पंझिन सिनसेन के साथ फरवरी 2019 में करार किया था। इस करार के बाद माना जा रहा था कि अरामको एशियाई बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इस करार के सहारे आने वाले दिनों में चीन बड़े पैमाने पर सऊदी अरब में निवेश करेगा। हालांकि, अब कोरोना संकट ने हालात बदल दिया है।
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चीन से करार खत्म करने के बाद कुछ विशेषज्ञ अरामको के साथ भारत के साथ करार को भी आशंका की नजर से देखने लगे हैं। अरामको ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी मेगा रिफाइनरी प्रॉजेक्ट में 44 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अरामको भारत के साथ इस करार पर भी पीछे ना हट जाए।