जल्द ही सावन (Sawan) का पवित्र महीना समाप्त होने वाला है। इस साल सावन में अधिक मास पड़ने से यह महीना और भी खास हो गया है। 28 अगस्त 2023 को सावन का आखिरी प्रदोष (Sawan Pradosh) व्रत पड़ रहा है। सावन के सभी प्रदोष व्रत काफी खास होते हैं। सावन का अंतिम प्रदोष व्रत विशेष होने वाला है।
इस प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh) के दिन 5 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे इस प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होगा। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। इस तरह 28 अगस्त, सोमवार को व्रत करने से प्रदोष व्रत और सावन सोमवार व्रत दोनों का फल मिलेगा।
सावन प्रदोष (Sawan Pradosh) व्रत शुभ संयोग
सावन महीने के अंतिम प्रदोष के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन प्रदोष के दिन अंतिम सावन सोमवार, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग बना है। प्रदोष के दिन शिव पूजा सौभाग्य योग जैसे शुभ योग में करना काफी लाभकारी होगा। साथ ही सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी। सावन के आखिरी प्रदोष और सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना फलदायी होगा।
सावन प्रदोष (Sawan Pradosh) शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत हर महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त 2023, सोमवार को रखा जाएगा। सावन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अगस्त, सोमवार की शाम 06.48 बजे से प्रारंभ होकर 29 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 02.47 बजे तक रहेगी।
प्रदोष पूजा के लिए सूर्यास्त के बाद का समय महत्वपूर्ण रहेगा। प्रदोष व्रत पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना गया है। इस बार पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना गया है। प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 28 अगस्त की शाम 06.48 बजे से रात 09.02 बजे तक रहेगा। इस समय पूजा करने से व्रत का पूरा फल मिलता है।