नई दिल्ली| देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के कर्मचारियों को एक बड़ा झटका लगने वाला है। सूत्रों के मुताबिक एसबीआई ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की योजना तैयार की है जिसके दायरे में 30190 कर्मचारी आ सकते हैं। बैंक का कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है। इससे दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। एसबीआई के कुल कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2020 तक 2.49 लाख थी, जबकि मार्च 2019 तक यह संख्या 2.57 लाख थी।
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सूत्रों के मुताबिक, वीआरएस के लिए एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है। इस प्रस्तावित वीआरएस का नाम सेकेंड इनिंग टैप वीआरएस 2020 है। इससे पहले वर्ष 2001 में एसबीआई ने वीआरएस की पेशकश की थी।
योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2020 के आखिर तक खुली रहेगी। यानी इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रस्तावित ड्रॉफ्ट के मुताबिक, कुल 11565 अधिकारी और 18625 कर्मचारी वीआरएस स्कीम के लिए पात्र होंगे।
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जिन कर्मचारियों की वीआरएस का आवेदन स्वीकार किया जाएगा उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट तारीख तक बची हुई सेवा अवधि के लिए वेतन का 50 फीसदी एक्स ग्रेशिया के रूप में मिलेगा। इसके अलावा अन्य फायदे जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और मेडिकल बेनिफिट्स भी मिलेंगे। योजना के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट की तारीख से लेकर दो साल तक की निश्चित अवधि के बाद बैंक के साथ दोबारा जुड़ने के योग्य होंगे।