नई दिल्ली। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में अपराधी-राजनीतिज्ञ नेक्सस की व्यापक जांच के लिए एनआईए, सीबीआई, ईडी, आईबी, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी और एनसीबी सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों को वोहरा समिति की रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र से निर्देश देने की मांग की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आपराधिक-राजनेता की सांठगांठ की व्यापक जांच के लिए विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों को 1993 की वोहरा समिति की रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
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बेंच ने कहा, प्रार्थनाओं को देखो। मुझे उम्मीद है कि देश शीर्ष पर होगा, मुझे उम्मीद है कि दुनिया एक खूबसूरत जगह है, मुझे उम्मीद है कि हर आदमी खुशी से जीएगा, ये प्रार्थनाएं हैं! इस पर एक किताब लिखें, याचिकाएं नहीं। मैं इन जैसी याचिकाओं को प्रोत्साहित नहीं कर सकता। ऐसी याचिका प्रचार के मकसद से दाखिल होती है।
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याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम लाल दास ने कहा कि याचिका में अपराधियों के साथ राजनेताओं की अपवित्र चिंता है। आज, लोकपाल के पास एक जांच एजेंसी नहीं है, उन्होंने कहा। पीठ ने कहा कि यह याचिका पर विचार नहीं होगा, वकील ने याचिका वापस लेने और विधि आयोग से संपर्क करने की मांग की, जिसे शीर्ष अदालत ने अनुमति दी।