नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। टेलीकॉम कंपनियों पर एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की देनदारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 10 साल का वक्त दे दिया है। एजीआर भुगतान के लिए समय मांग रही कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल दे दिए हैं। बता दें कि सरकार ने भी एकमुश्त भुगतान के टेलीकॉम सेक्टर पर बुरे असर को देखते हुए समय देने को सही बताया था।
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कोरोना वायरस महामारी के कारण बनी स्थितियों को देखते हुए शीर्ष अदालत ने ये फैसला दिया है। हालांकि इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को 31 मार्च 2021 तक अपने एजीआर बकाए का 10 फीसदी जमा करना होगा। गौरतलब है कि वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल ने एजीआर का बकाया चुकाने के लिए 15 साल की मांग की थी लेकिन अदालत ने 10 साल के वक्त को भी काफी बताते हुए कंपनियों को 10 साल का समय एजीआर बकाया चुकाने के लिए दिया है।
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कुल टेलीकॉम कंपनियों पर एजीआर के रूप में 1।69 लाख करोड़ रुपये का बकाया है जबकि 15 टेलीकॉम कंपनियों ने अभी तक केवल 30,254 करोड़ रुपये की राशि जमा की है। दूरसंचार विभाग द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू कहा जाता है। इसके दो हिस्सों में स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस के तौर पर 3-5 फीसदी स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और 8 फीसदी के करीब लाइसेंसिंग फीस ली जाती है।