नई दिल्ली। ‘किसान महापंचायत’ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि किसानों को जंतर-मंतर पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने की इजाजत दी जानी चाहिए।
प्रदर्शन की मांग करने का कोई मतलब नहीं-SC
सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, याचिका दायर करके प्रदर्शन की मांग करने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट का कहा है कि, प्रदर्शन कर रहे किसान यातायात बाधित कर रहे हैं, ट्रेनों और राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर रहे हैं।
किसानों ने पूरे शहर का गला घोंटा- SC
सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति देने के लिए सोमवार तक हलफनामा दायर करने को कहा कि, वो राष्ट्रीय राजमार्गों को रोकने वाले किसानों के विरोध का हिस्सा नहीं हैं। विरोध कर रहे किसानों ने पूरे शहर का गला घोंट दिया है और अब शहर के अंदर आना चाहते हैं।
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दरअसल किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर आग्रह किया कि किसान महापंचायत के कम से कम 200 लोगों को अहिंसक सत्याग्रह करने के लिए जंतर मंतर पर स्थान उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाना चाहिए। अधिवक्ता अजय चौधरी के जरिए दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली के उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त को प्रतिवादी बनाया गया है।
मौलिक-बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन-किसान
किसान महापंचायत ने कहा कि, जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण और अहिंसक सत्याग्रह की अनुमति देने से इनकार करना भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकारों और बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।