पटना| स्कूल खुले और शिक्षक भी आए पर छात्रों की उपस्थिति कम रही। नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए निजी स्कूल सोमवार से खुल गए। हालांकि, मिशनरी और सरकारी स्कूल अभी नहीं खुले हैं। ये स्कूल सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। स्कूल खुलने पर 50 फीसदी शिक्षक और कर्मी आए।
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कोरोना के डर से अभिभावकों ने बच्चों को नहीं भेजा। हालांकि, स्कूलों में कोरोना वायरस से बचाव के इंतजाम दिखे। जो स्कूल खुले थे वहां छात्रों की उपस्थिति बहुत कम रही। वाल्डविन एकेडमी में 15 छात्रों को सोमवार को बुलाया गया था। प्राचार्य राजीव रंजन ने बताया कि एक भी छात्र सोमवार को स्कूल नहीं आए, जबकि 50 फीसदी शिक्षक उपस्थित रहे। इंटरनेशनल स्कूल में एक भी छात्र नहीं पहुंचे।
डीएवी बीएसईबी में नौवीं और 10वीं के दस छात्र स्कूल पहुंचे। स्कूल के प्राचार्य वीएस ओझा ने बताया कि इन दस बच्चों को दो-दो ग्रुप में अलग-अलग क्लास रूम में बैठाया गया था। आधे घंटे में बच्चों को वापस भेज दिया गया। वहीं, केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड में सात विद्यार्थी आए। जबकि नौंवी और दसवीं मिला कर 20 बच्चों को बुलाया गया था।
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कुछ निजी स्कूल में सोमवार को शिक्षकों से मिलने के लिए स्कूल खोला गया था। लेकिन मिशनरी स्कूल कोई भी नहीं खुला। सेंट जेवियर्स हाई स्कूल के प्राचार्य फादर किस्ट्रू ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश और गाइड लाइन के बाद ही स्कूल खोला जायेगा। डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि आईसीएसई ने राज्य सरकार के गाइड लाइन के आने के बाद ही स्कूल खोलने का निर्देश दिया है।