गाजियाबाद। कोरोना संकट के बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आगामी 19 अक्टूबर से फिर से स्कूल खोले जाने को लेकर मंगलवार को महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी के अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें स्कूल खोलने को लेकर खूब रार हुई। प्रशासन ने दो टूक कहा है कि शासन के दिशा निर्देशानुसार 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से 12वीं तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएं मगर अभिभवक विरोध पर अड़े हैं। यही नहीं कई स्कूल प्रबंधन भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं।
बैठक में जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कहा 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल खोले जाएंगे। स्कूलों में कोरोना संक्रमण के कारण रोस्टर प्रणाली लागू की जाएगी, इसके तहत दो शिफ्ट में पढ़ाई होगी। यानि पचास फीसदी छात्र पहली और पचास फीसदी छात्र दूसरी शिफ्ट में पढ़ाई कर सकेंगे।
ISCE बोर्ड 9वीं 11वीं के फेल छात्रों को पास होने के लिए दिया जाएगा दूसरा मौका
इसके अलावा सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों को उचित दूरी पर बिठाया जाएगा व मास्क और सैनेटाइजर के अलावा थर्मल स्कैनिंग से भी जांच की सुविधा होगी। बैठक के दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल खोलने का पुरजोर विरोध किया। हालांकि, स्कूल फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने भी स्कूल न खोले जाने का समर्थन किया तो वहीं कुछ स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल खोलने पर सहमति जताई।
बैठक के दौरान ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी स्कूल न खोले जाने की बात कहते हुए कहा कि अगर स्कूल खोलने जरूरी हैं तो फिर स्कूल में आने वाले सभी स्टाफ व बच्चों का 48 घंटों में कोरोना टेस्ट हो जिसकी रिपोर्ट स्कूल वेबसाइट पर अपलोड की जा सके।
वहीं जीपीए के पदाधिकारियों ने स्कूल खोले जाने का विरोध करते हुए कहा कि एक ओर सरकार कोरोना वैक्सीन आने तक कोई ढिलाई देने को तैयार नहीं है तो फिर स्कूल क्यों खोले जा रहे हैं। अगर संक्रमण का खतरा नहीं है तो फिर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों से सहमति पत्र क्यों लिए जा रहे हैं। दो शिफ्ट में पढ़ाई होने से जिस कक्षा के छात्र घर हैं, उनकी ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था क्या होगी।