एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ़ अशरफ के खिलाफ दो मामले में आरोप तय कर दिया है।
पूर्व विधायक अशरफ पर शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज दो अलग-अलग मामलों में आरोप तय किए गए हैं। हालांकि अशरफ ने इन आरोपों से इनकार करते हुए मामले का परीक्षण कराए जाने की अदालत से मांग की है। अदालत ने अशरफ की मांग पर अभियोजन को गवाहों को पेश करने का आदेश दिया है।
अशरफ पर यह आरोप स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट आलोक कुमार श्रीवास्तव ने एडीजी क्रिमिनल राजेश कुमार गुप्ता और अशरफ के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद व मौजूद साक्ष्यों को देखने के बाद दिया है। पहले मामले में कोर्ट ने अशरफ की गिरफ्तारी के दौरान उसके कब्जे से बरामद पिस्टल के मामले में आरोप तय किया है।
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03 जुलाई 2020 को सुबह 5:30 बजे बमरौली क्षेत्र के शिवाला मार्केट पर सीओ सेकंड ब्रिज नारायण सिंह ने एसटीएफ टीम और पुलिस फोर्स के साथ अशरफ को गिरफ्तार किया था। इस दौरान अशरफ के कब्जे से 32 बोर की पिस्टल बरामद हुई थी। यह पिस्टल शस्त्र अधिनियम की धारा 3 व 5 के तहत दंडनीय अपराध है।
वहीं दूसरे मामले में अदालत ने अशरफ पर आरोप तय किया है कि अशरफ ने प्रशासन द्वारा शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए जाने के बाद भी उसे जमा नहीं किया था। अशरफ के नाम जारी पिस्टल का लाइसेंस तत्कालीन डीएम प्रशांत शर्मा ने निलंबित कर दिया था। इसके बावजूद उसे जमा नहीं कराया गया था।
गौरतलब है कि तीन साल की फरारी के बाद एक लाख के इनामी पूर्व विधायक अशरफ को 3 जुलाई 2020 को पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। जिसे नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। बाद में उसे सुरक्षा व अन्य कारणों से नैनी जेल से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया था। फिलहाल अशरफ इन दिनों बरेली जेल में बंद है।