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SDM ने उजाड़ दिया एक दिव्यांग का आशियाना, मदद को पहुंचे BJP विधायक

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में महोली प्रशासन की तानाशाही का एक मामला सामने आया है। जिसमें एसडीएम महोली ने एक दिव्यांग के आशियाने को उजाड़ दिया। तहसील प्रशासन ने यह कार्रवाई दिव्यांग के द्वारा ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे को लेकर की है।

जबकि दिव्यांग का कहना है कि वह 25 सालों से उसी जमीन पर काबिज है और उसके द्वारा उस जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है। तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद दिव्यांग का परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। वहीं जब इस बात की जानकारी महोली से बीजेपी विधायक शशांक त्रिवेद्वी को हुई तो वह अपने लाव लश्कर के साथ गांव पहुंचे और पीड़ित दिव्यांग को सहारा देते हुए उसके मकान का निर्माण कार्य शुरू करवाया।

मामला विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत पकरिया पाण्डेय गांव का है। यहां पर  पंचायत भवन बनाये जाने के लिये के तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल धीरेंद्र प्रताप ने प्रस्ताव दिया था। बताया जाता है इस जमीन पर गांव के निवासी दिव्यांग अनुज पुत्र कन्हैयालाल छप्पर डाल कर 25 वर्ष से रह रहा था।

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गांव में पंचायत भवन निर्माण के लिये जमीन नहीं मिल रही थी। जिसकी सूचना विकास खंड से जिला के उच्च अधिकारियों को दी गयी थी। जिस पर महोली एसडीएम पंकज राठौर  पुलिस बल के साथ गांव पहुंच कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई कर दीवार गिरवा दी थी तथा कब्जा धारकों को पुलिस हिरासत मे करवा दिया था। इसके बाद ग्राम पंचायत अधिकारी आनंद कुमार ने पंचायत भवन निर्माण की लिये ईंट, मौरंग, सीमेंट ले जाकर पंचायत भवन निर्माण शुरू करा दिया।

जैसे ही यह खबर बीजेपी के क्षेत्रीय विधायक शशांक त्रिवेदी को हुई तो वह तत्काल मौके पर पहुंचे और दिव्यांग का हाल ही नहीं जाना बल्कि मौके पर बैठकर दिव्यांग का आशियाना बनवाने लगे। विधायक ने नाराजगी व्यक्त करते हुये मौके पर पहुंच कर कब्जा धारक को जमीन पर पुनः कब्जा करा कर पंचायत भवन निर्माण के लिये लाई गयी सामग्री से दीवार निर्माण करा दिया। विधायक ने बताया अवैध कब्जा था फिर भी बिना नोटिस के गरीब का घर गिराया गया है।  उन्होंने बताया कि गरीब की छत छीनने से पहले गरीब को छत देनी  चहिये थी। उन्होंने कहा कि बरसात का समय है मिट्टी गिर रही है। पीड़ित गरीब व दिव्यांग भी है तथा छोटे-छोटे बच्चे है वे कहां रहेंगे।

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बीजेपी विधायक का कहना है कि पूरे प्रकरण से शासन व प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। जांच कराकर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

वहीं जब इस मामले पर एसडीएम महोली पंकज राठौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह परती की सरकारी जमीन थी। उसका जो अपना घर है वह गांव के अंदर बना हुआ है। इस जगह पर केवल वह पशु बड़ा बनाए हुए था। इस जमीन का प्रस्ताव पंचायत भवन के लिए हो चुका है। एक माह पहले उन्हें बता दिया गया था खाली करने के लिए। गरीबी की हालत देखते हुए हमने उन्हें दूसरी जगह जमीन भी दे दी है। एसडीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा विधायक जी अगर बैठे हैं तो उनसे वार्ता कर ली जाएगी।

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