नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को कहा कि शेयर बाजारों को निवेशकों की शिकायतें मिलने के बाद उसका समाधान 15 कामकाजी दिवस के भीतर सुनिश्चित करना होगा। सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि इस कदम का मकसद निवेशक शिकायत समाधान प्रणाली को मजबूत बनाना है।नियामक ने यह भी कहा कि निवेशक शिकायत समाधान समिति (आईजीआरसी) सूचना के अभाव और मामले की जटिलता का हवाला देते हुए शिकायत को निरस्त नहीं करेगी।
सेबी ने कहा कि इसके अलावा आईजीआरसी का खर्च का वहन संबंधित शेयर बाजार करेंगे और शिकायतकर्ता से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। नियामक ने कहा, शेयर बाजार यह सुनिश्चित करेंगे कि निवेशकों से शिकायतें प्राप्त होने के बाद उसका समाधान 15 कामकाजी दिवस के भीतर हो। अगर शिकायतकर्ता से कोई अतिरिक्त सूचना और जानकारी की जरूरत है, वह शिकायत प्राप्त करने के सात कामकाजी दिवस के भीतर मांगी जाएगी।
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साथ ही शेयर बाजारों को 15 कार्यदिवसों के भीतर निपटाए गए सभी शिकायतों का रिकार्ड रखना होगा। अगर शिकायत का समाधान निर्धारित 15 दिन के भीतर नहीं होता है, तब उसके कारण को रिकार्ड में रखना होगा।हालांकि, अगर शिकायकर्ता मामले के समाधान से संतुष्ट नहीं है तो लिखित में कारणों के साथ प्रकरण आईजीआरसी के पास भेजा जा सकता है। सेबी ने कहा, यह शेयर बाजारों की जिम्मेदारी होगी कि वह शिकायतों का समाधान समय पर सुनिश्चित करने के लिए सदस्य या शिकायकर्ता से प्राप्त दस्तावेज/जरूरी सूचना तथा जरूरी मदद आईजीआरसी को उपलब्ध कराए।
आईजीआरसी द्वारा शिकायतों के समाधान के संदर्भ में सेबी ने कहा कि समिति के पास सुलह प्रक्रिया के जरिये निवेशक की शिकायत के समाधान के लिये 15 कार्य दिवस का समय होगा। अगर आईजीआरसी को अतिरिक्त सूचना की जरूरत है, वह शेयर बाजार से उसकी मांग कर सकता है। वैसे मामलों में जहां अतिरिक्त सूचना मांगी गई है, शिकायत के समाधान में 30 कामकाजी दिवस से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।