ग्रहण लगना खगोल की बहुत आश्चर्यजनक घटना है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण में सावधानियों की बात कही गई है। ज्योतिष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को खास महत्व दिया गया है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार, 25 मार्च को लगा था। जबकि, दूसरा चंद्र ग्रहण, बुधवार 18 सितंबर को लगने जा रहा है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) तब लगता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं और इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर ना पड़कर सीधे पृथ्वी पर पड़ता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan), बुधवार 18 सितंबर को यानी भाद्रपद पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस दिन से पितृ पक्ष का भी आरंभ होगा।
कुल अवधि 4 घंटे 05 मिनट की होगी
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) की शुरुआत सुबह 06 बजकर 12 मिनट से होगी। जबकि, चंद्र ग्रहण की समाप्ति सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगी। ऐसे में इस आंशिक चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 05 मिनट की होगी। वहीं, खंडग्रास की अवधि 59 मिनट और 59 सेकंड की होगी।
इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भारत में नजर नहीं आएगा। हालांकि, दुनिया के अन्य हिस्सों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा। चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।