प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, साथ ही मनोकामना पूर्ति होती है। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जून माह में पड़ने वाले दूसरे प्रदोष की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 20 जून को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)पूजा विधि
– प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
– इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
– अब मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
– अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें।
– अब उन्हें फूलों की माला चढ़ाएं और माता पार्वती का श्रृंगार करें।
– शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
– इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
– अंत में महादेव को प्रिय चीजों का भोग लगाएं और प्रसाद लोगों में बांट दें।
इन मंत्रों का करें जाप
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।