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आज भारतीय रेलवे कर रही प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए दूसरी प्री एप्लिकेशन कॉन्फ़्रेंस

Railways is doing private partnership

प्राइवेट पार्टनरशिपRailways is doing private partnership

नई दिल्ली: रेलवे पहली बार प्राइवेट प्लेयर को ट्रेन चलाने के लिए आमंत्रित कर रही है। पहली प्री बिड मीटिंग में रेलवे को प्राइवेट प्लेयर की तरफ से ज़बरदस्त रेस्पॉन्स मिला था।

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पहली प्री बिड मीटिंग में सरकारी पीएसयू से लेकर ग्लोबल फर्म यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया की एक फर्म भी शामिल हुई थी। जीएमआर, आरआईटीईएस, भेल, आईआरसीटीसी, बोमबार्डियर, वेदांता और मेधा समेत 16 कंपनियां पहली प्री बिड मीटिंग में शामिल हुई।

सरकार को उम्मीद है कि प्राइवेट प्लेयर ट्रेन प्रोजेक्ट में 30,000 करोड़ का निजी निवेश आ सकता है। रेलवे ने अप्रैल 2023 तक पहली प्राईवेट ट्रेन को पटरी पर दौड़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे ने प्राइवेट पार्टनर खोजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। रेलवे को उम्मीद है कि नए साल के शुरू होने से पहले प्राइवेट पार्टनरों के साथ कांट्रैक्ट साईन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पहली प्री एप्लिकेशन कॉन्फ़्रेंस के बाद कुल 16 में से 12 बिडर ऐसे हैं जो रेलवे की इस बड़ी योजना में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं।

रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के साथ ही नीति आयोग के प्रतिनिधियों के साथ प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए इन बिडर फ़र्मों के साथ आज 12 अगस्त को दूसरी प्री एप्लिकेशन कॉन्फ़्रेंस होगी। और 5 नवम्बर तक बिडर फ़र्मों के एप्लिकेशन को शॉर्ट लिस्ट करके रेलवे चुनिंदा बिडर फ़र्मों के नामों की घोषणा करेगा। इसके बाद 10 चरणों वाली मुख्य बिडिंग स्टेज की शुरुआत होगी।

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पहली प्री बिड कॉन्फ़्रेंस में प्राइवेट ट्रेनों को चलाने सम्बंधी तकनीकी पहलुओं पर बातचीत हुई थी। जैसे किस रूट पर कितना लोड होगा। ख़र्चों की तफ़सील क्या हैं। पटरियों की स्थिति क्या है और कैसे अपग्रेड होगीं इत्यादि अनेक बातों पर चर्चा की गई थी। चूंकि रेलवे की ज़रूरतों के अध्ययन के बाद बिडर फ़र्मों ने अपने ख़र्चों का आंकलन मोटे तौर पर कर लिया है, तो अब आज बिडर फ़र्में अपने-अपने आंकलन, सवाल और शंकाएं एक बार फिर रेलवे के सामने रखेंगी।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही ये साफ़ कर दिया है कि नई प्राइवेट ट्रेनों को प्राइवेट पार्टनर चाहें तो पूरी तरह ख़रीद कर चला सकते हैं अथवा वो निर्धारित स्तर की नई ट्रेन रेक को लीज़ पर लेकर भी चला सकते है।

रेलवे का दावा है कि इस योजना से भारतीय रेल नेटवर्क में नई टेक्नोलॉजी आएगी, अधिक आमदनी होगी और रेलवे से अधिक रोज़गार मिलेगा। भारतीय रेल नेटवर्क में पहली बार पैसेंजर ट्रेनों में प्राईवेट इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। प्राईवेट इन्वेस्टमेंट से आधुनिक टेक्नोलोजी वाली नई ट्रेनें आएंगी जिससे यात्रियों को पहले से कहीं अधिक आरामदायक सफ़र मिल सकेगा।

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