Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

नाबलिग रेप पीड़िता के परिवार को मिली सुरक्षा, 3 लाख से अधिक की हुई आर्थिक मदद

rape victim family

rape

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के जहांगीराबाद में मंगलवार को एक दलित नाबालिग रेप पीड़िता को जिंदा जलाए जाने के मामले में सरकार ने सख्ती दिखाई है। पीड़िता के परिवार को जहां सुरक्षा प्रदान कर दी गई है, वहीं इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो जाने के बाद कई पुलिसवालों पर गाज भी गिरी है। इस मामले में सीओ और एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

दरअसल, 14 अगस्त को नाबालिग पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया था। इस मामले में एक आरोपी नामजद था। जिसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। वो अभी तक जेल में है। उसकी जमानत कराने के प्रयास में अभियुक्त पक्ष की तरफ से पीड़ित पक्ष पर लगातार समझौते का दबाव बनाया जा रहा था। पीड़िता की मौत के बाद परिवार ने खुद को जान का खतरा बताया था। इसी के चलते पीड़िता के परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान कर दी गई है।

कार सवार बदमाशों ने बीच सड़क बाइक सवार को मारी गोली, वीडियो वायरल

इस मामले में एसएसपी ने लापरवाही के आरोप में सर्किल ऑफिसर और पुलिस थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है। इससे पहले इलाके के पुलिस सब इंस्पेक्टर और बीट कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया था। रेप पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर 7 लोगों को पीड़िता को जिंदा जलाने के मामले में नामजद किया गया। जिसमें से पुलिस ने मंगलवार को तीन और बुधवार को दो यानी कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

इस बीच पीड़िता के दो-तीन वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें पीड़िता का बयान अलग-अलग है। पुलिस सारे मामले में जांच और कार्रवाई की बात कह रही है। बुलंदशहर के डीएम ने बताया कि पीड़ित पक्ष को 3 लाख 75 हजार रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में दी गई है। उधर, कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

दुकानदार ने दलित नाबालिग किशोरी को बनाया हवस का शिकार, आरोपी गिरफ्तार

गौरतलब है कि बुलंदशहर रेप पीड़िता की मौत के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता के मामा के मुताबिक, पुलिस की लापरवाही की वजह से मामला बढ़ गया। एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद से ही पीड़िता और उसके परिवार पर सुलह के लिए दबाव बनाया जा रहा था, धमकी दी जा रही थी, जिसकी शिकायत के लिए परिवार लगातार पुलिस के पास जा रहा था, लेकिन पुलिस केवल आश्वासन देती आ रही थी।

पीड़िता के मामा ने बताया कि मंगलवार की सुबह बच्ची घर में अकेली थी। जब वह कूड़ा फेंकने घर से बाहर गई, तो आरोपियों ने बच्ची पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया, जिसके बाद शाम को दिल्ली के अस्पताल में बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने 7 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पीड़िता के परिवार का कहना है कि अगर पुलिस पहले ही सख्त कदम उठाती तो बच्ची की जान बच सकती थी।

Exit mobile version