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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए आत्मनिर्भर गांव : शिवराज

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए ग्रामों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान आज मंत्रालय में मनरेगा कार्य संबंधी समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राम खिलावन पटेल वीसी से बैठक में शामिल हुए।

इस मौके पर श्री चौहान ने कहा कि ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकती है। योजना में इस वर्ष 20.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत 40 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान है। ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना बनाकर एवं समयबद्ध रूप से कार्य किया जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिवस मजदूरी दर 190 रूपये रूपये है, जबकि दूसरे राज्यों महाराष्ट्र में 238 रूपये, गुजरात में 224, राजस्थान में 220 तथा हरियाणा में सर्वाधिक 290 रूपये है। यह दर केन्द्र द्वारा निर्धारित की जाती है। प्रदेश की मनरेगा मजदूरी दर बढ़वाने के लिए आवश्यक ‘टाइम एण्ड मोशन स्टडी’ शीघ्र करवाई जाए।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हों, समय से पूर्ण हो जाएं तथा पूर्ण हुए कार्य उपयोग में आने लगें। मनरेगा कार्यों का सही मूल्यांकन भी सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 79 प्रतिशत जॉब कार्डधारी कार्य कर रहे हैं। यह अच्छा प्रतिशत है। अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश में 57 प्रतिशत, पश्चिम बंगला में 72 प्रतिशत, राजस्थान में 73 प्रतिशत तथा बिहार में 36 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्डधारी हैं।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि मनरेगा से प्रदेश के छोटे-बड़े प्रत्येक गांव में शांतिधाम बनवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस कार्य की सराहना की। प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत भी गत 5 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक रहा है। वर्ष 2020-21 में यह 93 प्रतिशत रहा। जबकि वर्ष 2019-20 में समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत 84.19 प्रतिशत मात्र था। मनरेगा के तहत प्रदेश में अब तक 2 लाख 87 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं। गत वर्ष इस अवधि तक पूर्ण हुए कार्यों की संख्या एक लाख 64 हजार तक ही सीमित रही।

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