उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज व वक्फ, राजनैतिक पेंशन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी‘ ने आज विधानसभा के अपने कक्ष में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने पी.एम.जे,वी.के. योजना के अंतर्गत परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली और कहा कि प्रथम किश्त की धनराशि 79.61 करोड़ निर्गत करने की कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित करें। इसी तरह द्वितीय किश्त की समर्पित धनराशि 33.61 करोड़ रूपये निर्गत करने की कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाय।
श्री नंदी ने कहा कि एम.एस.डी.पी. पोर्टल को तत्काल राज्य सरकार तथा भारत सरकार के इंटीग्रेटेड पोर्टल सिस्टम के रूप में विकसित किया जाए। उच्च शिक्षा विभाग से सहमति प्राप्त कर वित्त विभाग से धनराशि तत्काल अवमुक्त कराना सुनिश्चित करें। पीएमजेवीके के वित्तीय कार्यों को ऑडिट कराया जाए, जिससे सरकार का नुकसान कम किया जा सके और सही मूल्यांकन कर पुनरीक्षित लागत के मामलों में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी मदरसों को ऑनलाइन करने के साथ ही रजिस्ट्रार चिट्स एवं फंड उत्तर प्रदेश के आदेशों/निर्णयों का विशेष ध्यान देते हुए उनकी प्रगति का अपडेशन भी किया जाए।
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श्री नंदी ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत आच्छादित शिक्षकों का भुगतान ऑनलाइन माड्यूल के माध्यम से मदरसा पोर्टल में निहित व्यवस्था के तहत किया जाए जैसे स्कॉलरशिप प्रोग्राम में किया जाता है डायरेक्ट पेमेंट ट्रांसफर। श्री नंदी ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत आउटसोर्सिंग के माध्यम से जो लोग रखे गए हैं उनको समय से वेतन देना सुनिश्चित किया जाए और बिना अंक के प्रोन्नत छात्रों को वर्ष 2021-22 में छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए।
श्री नंदी ने कहा कि एक लाख से अधिक आय वाली वक्फ संपत्तियों को ऑडिट कराया जाए, वक्फ बोर्ड के कार्यकलापों/योजनाओं के ऑडिट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण करने के लिए इसे और बेहतर करने का प्रयास करें।
श्री नंदी ने भारत सरकार द्वारा संचालित नई रोशनी उस्ताद तथा सीखो, कमाओ आदि योजनाओं के तहत प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के ऋण वितरण हेतु उपलब्ध धनराशि लगभग 20 करोड़ रू0 के वितरण की कार्य योजना के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लखनऊ में अल्पसंख्यक कल्याण भवन के निर्माण के लिए कई बार कहा जा चुका है। बिना विलंब किए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाए और जिलों में अल्पसंख्यकों के लिए चल रही योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के लिए कार्य योजना तैयार करें। विभाग की उपलब्धियों की होर्डिंग/बुकलेट बनाकर प्रचार प्रसार करें। उन्होंने ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग की खाली पड़ी संपत्तियों को विभिन्न एनजीओ को पार्टनर बनाते हुए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की विभिन्न स्कीमों जैसे सीखो और कमाओ, उस्ताद, नई रोशनी, नई उड़ान आदि के लाभार्थियों को खाली पड़ी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संपत्तियों में ट्रेनिंग देकर उनकी आय बढ़ाई जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण, रवीन्द्र नायक, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, श्रीमती सी0 इन्दुमती, विशेष सचिव, डी0एस0 उपाध्याय, श्री शिवाकान्त द्विवेदी, जे0पी0 सिंह, संयुक्त निदेशक, एस0एन0 पाण्डेय, राहुल गुप्ता, सचिव राज्य हज समिति एवं रजिस्ट्रार, आर0पी0 सिंह और उच्च अधिकारीगण उपस्थित रहे।