उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों में एंटीबाडी का पता लगाने के लिये शुक्रवार से ‘सीरो सर्वे’ की शुरूआत की गयी है जिसके परिणाम इसी महीने के अंत तक मिलने की संभावना है।
पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना संक्रमण के 1175 नये मामले सामने आये है जबकि 136 मरीजों की मृत्यु हो गयी है। राज्य में फिलहाल 22 हजार 877 मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि कोरोना से कुल संक्रमित हुए लोगों, स्वस्थ हुए लोगों, एंटीबॉडी आदि के सम्बंध में ‘सीरो सर्वे’ कराया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आज से प्रदेश में सैंपलिंग का प्रारंभ हो रहा है। इससे लिंग, आयु, शहरी और ग्रामीण सहित अलग-अलग पैमाने पर संक्रमण की अद्यतन स्थिति का आकलन हो सकेगा। यह कार्यवाही तेजी से की जाए। जून के अंत तक इस सर्वे के परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।
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श्री योगी ने कहा कि 30 अप्रैल के तीन लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष 35 दिन बाद आज 22,877 कोरोना केस ही एक्टिव हैं। अब तक 16 लाख 52 हजार लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। हमारी रिकवरी दर 97.4 प्रतिशत हो गई है।
उन्होने कहा कि बीते 24 घंटो में 1,175 मरीज पाए गए हैं इस दौरान 3,646 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। 12,921 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। उत्तर प्रदेश एक मात्र राज्य है जिसने 05 करोड़ 07 लाख 23 हजार 809 कोविड टेस्ट किये हैं। पिछले 24 घंटे में 03 लाख 18 हजार 714 सैम्पल टेस्ट किये गए। इसमें 01 लाख 35 हजार सैम्पल आरटीपीसीआर माध्यम से टेस्ट किए गए हैं।
श्री योगी ने कहा कि कोरोना के कम होते संक्रमण दर के दृष्टिगत 600 एक्टिव केस से कम संख्या वाले 65 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई है। कोरोना कर्फ्यू से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस व स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टक का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने। कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने जैसी जानकारी मिली है। यह स्थिति न तो किसी के लिए भी अच्छी नहीं है। पुलिस प्रशासन को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक भी करें, साथ-फूट पेट्रोलिंग, चेंकिंग और आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
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उन्होने कहा कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी विभाग में कार्यरत किसी कार्मिक की मृत्यु यदि कोविड संक्रमण से हुई हो तो विभाग द्वारा संबंधित परिवार के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक यथोचित सहयोग किया जाए। अनुग्रह राशि का भुगतान हो या मृतक आश्रित सेवायोजन अथवा अन्य कोई प्रकरण, कोई फाइल लंबित न रहे। मुख्य सचिव स्तर से इस संबंध में यथोचित आदेश जारी कर व्यवस्था प्रभावी बनाने की कार्यवाही हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर होती स्थिति के बीच जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल के साथ ओपीडी एवं आईपीडी सेवाएं आज से प्रारंभ हुई हैं। अधिकाधिक लोगों को ई-संजीवनी अथवा टेलीकन्सल्टेशन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थितियों में ही ओपीडी में मरीज आएं। किसी भी दशा में कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो।
अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 94 लाख से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। 18 से 44 आयु वर्ग के 27 लाख युवाओं को टीका-कवर प्राप्त हो चुका है। सभी जिलों में 18+ आयु के लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की गई है। बीते 24 घंटे में 03 लाख 82 हजार से अधिक लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। दैनिक वैक्सीनेशन क्षमता में वृद्धि को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। एक माह के भीतर वर्तमान क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाये जाने की जरूरत है।