लुधियान। यहां झोपड़ी में आग (Fire) लगने से सात लोगों का हंसता खेलता परिवार (Burnt Alive) चंद मिनटों में तबाह हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। घटना मंगलवार रात डेढ़ बजे के बाद की बताई जा रही है। यह परिवार मक्कड़ कालोनी में एक झोपड़ी में रहता था।
लुधियाना के सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) सुरिंदर सिंह ने बताया कि मजदूर पति-पत्नी की चार बेटियां और दो बेटे थे। यह परिवार डंप यार्ड के पास झोपड़ी पर रहता था। मंगलवार की रात बड़ा बेटा कहीं और सोने चला गया था। झोपड़ी में दंपती और उनके पांच बच्चे ही सो रहे थे, उनमें से कोई जिंदा नहीं बचा।
सुरेश सैनी (55), रोशनी देवी (50), राखी कुमारी (15), मनीषा कुमारी (10), चंदा कुमारी (08), गीता कुमारी (06), सनी (02) की मौत हुई है। वहीं हादसे में सिर्फ राजेश कुमार ही जिंदा बचा है। ये सभी बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे। खाना खाने के बाद परिवार रात आठ बजे सोया था।
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उप अग्निशमन अधिकारी आतिश राय ने कहा कि आग लगने की सूचना पर सुंदर नगर स्टेशन की दमकल की गाड़ी ने काबू पा लिया लेकिन तब तक परिवार के सभी सदस्य जल कर मर चुके थे।
अधिकारी ने कहा कि आग कैसे लगी और परिवार के सदस्यों ने सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए बाहर निकलने की कोशिश क्यों नहीं की, इसका कोई पता नहीं है क्योंकि आमतौर पर झोंपड़ी सभी तरफ से खुली रहती हैं। हालांकि बेटे से पूछताछ भी की जाएगी।