छत्तीसगढ़ का है जहां महुआ शराब में होम्योपैथिक कफ सिरप मिलाकर पीने से एक ही परिवार के 7 युवकों की मौत हो गई, जबकि 5 की हालत गंभीर है। यह घटना बिलासपुर के सिरगिट्टी में हुई है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सीएमओ ने कहा कि होमियोपैथिक दवा पीना इन मौतों का कारण हो सकता है, क्योंकि वो एल्कोहलिक हैं।
बिलासपुर के सीएमओ के अनुसार, युवकों ने महुआ के साथ ड्रोसेरा 30 नाम की दवा मिला कर पी थी, इस दवा में 91 प्रतिशत अल्कोहल होता है, मौत के अन्य कारणों का पता करने के लिए टीम जांच कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार शाम को युवकों ने नशे के लिए होम्योपैथिक कफ सिरप में महुआ शराब मिलाकर पिया था।
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ग्रामीणों की माने तो इसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए, रात में ही इनकी तबीयत बिगड़ गई, सभी को उल्टियां होने लगी, बुधवार सुबह तक 4 युवकों ने घर पर ही दम तोड़ दिया, इसके बाद बाकी लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां तीन और युवकों ने दम तोड़ दिया और पांच की हालत गंभीर है।
कुछ लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से होम्योपैथिक सिरप को कोरोना की दवा समझ कर युवक पी रहे थे, ग्रामीणों को लग रहा था कि शराब के साथ इस दवा को मिला कर पीने से कोरोना से बचाव होता है, इस गलतफहमी के चलते गांव में बीते कुछ दिनों से इसका सेवन युवक कर रहे थे।