लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SPGI) के चिकित्सकों ने बिना आपरेशन के ब्रोन्कोस्कोपी के जरिए एक युवक के फेफड़े में फंसी गोली निकाली है। यह प्रक्रिया अपनी तरह की पहली प्रकिया है, जो पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डा. अजमल खान व उनकी टीम द्वारा की गई है। रोगी अभी डाक्टर अमित कुमार सिंह की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहा है।
एसजीपीजीआई (SGPGI) पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर आलोक नाथ ने बताया कि एक 20 वर्षीय युवक को कथित रूप से गोली लगने के कारण एसजीपीजीआई लाया गया था। एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में गंभीर अवस्था में ट्रामा सर्जरी विभाग के डाक्टर अमित कुमार सिंह की देखरेख में उसे भर्ती किया गया।
गोली पीठ के निचले हिस्से से निकल कर छाती में जा लगी थी और वायुमार्ग को भेद कर उसमें फंस गई थी। इससे आसपास के क्षेत्र में हवा का रिसाव होने लगा जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
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चिकित्सकों ने मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया देकर ब्रोन्कोस्कोपी के जरिए गोली निकाल ली। इसके बाद, वायुमार्ग की दीवार में लगभग 2 सेमी के सुराख को कवर करने के लिए एक सिलिकॉन स्टेंट लगाया गया। रोगी को जागरूक और सचेत स्थिति में आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। इस प्रक्रिया द्वारा बिना किसी सर्जिकल चीरे व आपरेशन के सम्पन्न की गयी। इस पूरी प्रकिया के नियोजन व क्रियान्वयन में एनेस्थेसिया विभाग की डाॅ0 रुचि वर्मा व रेडियोलाॅजी विभाग के डाक्टर जफर नियाज का विशेष योगदान रहा।