शब-ए-बारात, मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह चंद्र वर्ष के आठवें महीने शाबान की 15वीं रात को मनाया जाता है। इसे इबादत की रात या दुआ की रात भी कहा जाता है। यह अल्लाह से दया, आशीर्वाद और अपने गुनाहों की माफी मांगने का दिन माना जाता है।
2025 में शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) कब है:
इस साल शब-ए-बारात हिजरी कैलेंडर के अनुसार 13 फरवरी की शाम से 14 फरवरी 2025 शुक्रवार की शाम तक मनाई जाएगी। चंद्रमा दिखने के आधार पर दुनिया भर के देशों में समय में अंतर हो सकता है, लेकिन तारीख वही रहेगी। इस दिन लोग दुनिया भर की मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे।
शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) का महत्व:
शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म में प्रायश्चित की रात माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह वह रात है जब अल्लाह आने वाले वर्ष के लिए व्यक्तियों की नियति निर्धारित करते हैं और ईमानदारी से पश्चाताप करने वालों के पापों को माफ कर देते हैं।
शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) कैसे मनाया जाता है:
शब-ए-बारात पूरे दक्षिण एशिया में श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, तुर्की के साथ-साथ मध्य एशियाई जैसे किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान आदि शामिल हैं। इस पवित्र रात में लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ने और अल्लाह से माफी मांगने के लिए इकट्ठा होते हैं। कुछ लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर अल्लाह से उनके लिए दुआ मांगते हैं। इस दिन लोग हलवा जैसी पारंपरिक मिठाइयां बनाते हैं और दान के रूप में गरीबों में बांटते हैं।