शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर्व इस साल 28 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। खास बात ये है इस 30 साल के बाद इस बार शरद पूर्णिमा की रात को चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। पौराणिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा से अमृत बरसता है और इसलिए चांद की रोशनी में खीर रखी जाती है, जो अमृत के समान हो जाती है। इस साल शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर चंद्रग्रहण लगने के कारण खीर का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है।
चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले लग जाएगा सूतक
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण मध्य रात्रि के 01.04 मिनट से लेकर रात्रि के 2.22 मिनट तक रहेगा। भारत में चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 1 घंटा 16 मिनट के लिए होगी। ग्रहण के दौरान चंद्रमा को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए।
शरीर के लिए नुकसानदायक होगी खीर
वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में रेडिएशन बहुत अधिक होता है। ऐसे में चांद की रोशनी में खीर को रखने की गलती नहीं करना चाहिए। इससे सेहत को भारी नुकसान हो सकता है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर करें लक्ष्मी जी और चंद्र देव की पूजा
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल के दौरान देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर रात में माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं।
देश में कई स्थानों पर शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन इस बार सौभाग्य योग, सिद्धि योग, बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और शश योग का निर्माण हो रहा है।