अश्विन माह की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या ( Sarva Pitru Amavasya) और महालया अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस बार सर्व पितृ अमावस्या 21 सितंबर को है और खास बात यह है कि इस दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी है. साल का दूसरा और आखिरी ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो कि 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या पर लगेगा. ऐसे में लोगों के मन में संशय बना हुआ है कि क्या ग्रहण के दौरान पितरों का तर्पण कर सकते हैं और अगर कर सकते हैं तो सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के तर्पण का समय क्या रहेगा. चलिए आपको बताते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या ( Sarva Pitru Amavasya) का दिन पितरों के तर्पण के लिए बेहद शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न और तृप्त होकर अपने लोक वापस लौट जाते हैं. सर्व पितृ अमावस्या पर कई मंगलकारी संयोग भी बनने जा रहे हैं और साथ ही ग्रहण का साया भी रहने वाला है.
सर्व पितृ अमावस्या ( Sarva Pitru Amavasya) शुभ मुहूर्त
सर्व पितृ अमावस्या की शुरुआत – 21 सितंबर को देर रात 12:16 मिनट पर होगी.
सर्व पितृ अमावस्या का समापन – 22 सितंबर को देर रात 01:23 मिनट पर होगा.
सर्व पितृ अमावस्या का स्नान-तर्पण – 21 सितंबर को दिन में.
सर्व पितृ अमावस्या पितृ ( Sarva Pitru Amavasya) तर्पण टाइम
सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध और तर्पण के लिए शुभ मुहूर्त नीचे दिए गए हैं, जिनमें आप पितरों का तर्पण कर सकते हैं:-
कुतुप मूहूर्त – 11:50 मिनट से लेकर दोपहर 12:38 मिनट तक.
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12:38 मिनट से लेकर दोपहर 01:27 मिनट तक.
अपराह्न बेला – दोपहर 01:27 मिनट से लेकर 03-53 मिनट तक.







