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पंचतत्व में विलीन हुआ शाहजहांपुर का लाल, नम आंखों से शहीद को दी अंतिम विदाई

जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद शाहजहांपुर के जवान सारज सिंह को आज अंतिम विदाई दी गई। बुधवार देर रात उनका पार्थिव शरीर शाहजहांपुर के ओसीएफ अस्पताल लाया गया था। गुरुवार सुबह जवान को सेना के अधिकारियों और नेताओं ने ओसीएफ अस्पताल परिसर में श्रद्धांजलि दी।

सेना के जवान पार्थिव शरीर लेकर अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव अख्तियारपुर धौकल पहुंचे। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। शहीद की पत्नी पथराई आंखों से सारज के पार्थिव शरीर को देखती रही। सारज के बड़े भाई ने मुखाग्नि देकर नम आंखों से विदा किया। सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

अंतिम विदाई में शमिल हुए कैबिनेट मिनस्टर सुरेश खन्ना ने कहा कि भरी जवानी में जब सब सपने देखते हैं, उस उम्र में देश के लिए दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए दूसरों को आराम से देखने के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। उस लाल पर हम गर्व करते हैं। कहा कि ऐसा कम देखने को मिलता है कि माता-पिता अपने सभी बेटों को हमारी सुरक्षा के लिए सेना को देते हैं। शहीद जवान माता-पिता से प्रेरणा लेनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपने तीनों बेटों को सेना दे दिया। उन्होंने देश सरकार की ओर से शहीद जवान की मां को 15 लाख और उनकी पत्नी को 35 लाख रुपये दिए। आर्थिक मदद के दस्तावेज परिवार को सौपे हैं।

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थाना बंडा क्षेत्र के अख्तियारपुर धौकल निवासी विचित्र सिंह के 26 साल के बेटे सारज सिंह सेना की 11 सिख रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। 16 आरआर रेजीमेंट के तहत कश्मीर के स्वर्णकोट में उनकी तैनाती हुई थी। जहां 11अक्टूबर को हुए आतंकी हमले में सारज सिंह शहीद हो गए। उनके साथ चार अन्य जवान भी शहीद हुए हैं। सारज सिंह की शहादत की खबर सेना द्वारा सबसे उनके भाई सुखबीर सिंह को दी गई थी।

सारज सिंह की शादी डेढ़ साल पहले पिहानी की रहने वाली रजविंदर कौर से हुई थी। पत्नी भी काफी समय से पति सारज सिंह को फोन पर संपर्क करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उनका संपर्क नहीं हो पाया। दरअसल, पिछले तीन चार दिनों से पूंछ एरिया में आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी। इसीलिए सारज का फोन शायद लग ही नहीं रहा था।

गांव बरीबरा के विचित्र सिंह के तीन बेटे गुरप्रीत सिंह, सुखबीर सिंह, सारज सिंह सेना में हैं। सारज सिंह सबसे छोटे थे, अपने दोनों भाइयों को सेना में देखकर ही सारज भी सेना में गए थे।

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