कुशीनगर। नेपाल में काली गण्डकी नदी से प्राप्त करीब छह करोड़ वर्ष पुरानी शालिग्राम शिला (Shaligram Shila) मंगलवार को भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर पहुंचेगी।
नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं पूर्व गृहमंत्री विमलेंद्र निधि और जानकी मंदिर के महंत के नेतृत्व में सुबह 1130 बजे पवित्र शिला कुशीनगर पहुंचेगी जहां उसका भव्य स्वागत किया जाएगा।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय संयोजक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि नेपाल और भारत के रिश्ते को और मजबूत करने में इस यात्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कुशीनगर आ रहे प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राजेंद्र सिंह पंकज और श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के कामेश्वर चौपाल आदि शामिल हैं।
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उन्होने बताया कि नेपाल में काली गण्डकी नदी से प्राप्त छह करोड़ वर्ष पुराने दो शालीग्राम पत्थर (Shaligram Shila) को अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर लाया जायेगा जहां इसका उपयोग भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाने के लिए किया जा सकता है। शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी काली गण्डकी है। यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है। कालीगण्ड नदी के किनारे से लिया गया यह शिला खंड एक 26 टन का और दूसरा 14 टन का है। निकालने से पहले काली गंड़की नदी में क्षमा पूजा की गई और विशेष पूजा के साथ ले जाया गया।