सूर्य पुत्र शनि (Shani Dev) की टेढ़ी नजर जिस भी इंसान पर पड़ती है, उसका जीवन दुखों से भर जाता है। शनि की ढैया और शनि की साढ़े साती से बचना बहुत मुश्किल है। लेकिन न्याय देव शनि की दृष्टि हमेशा लोगों को परेशान नहीं करती है। शनि (Shani Dev) एक बार किसी इंसान पर मेहरबान हो जाएं तो खुशियां और संपन्नता खुद-ब-खुद उनके घर का रास्ता ढूंढ लेती हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि शनि कब और किन लोगों को परेशान नहीं करते हैं।
दान-धर्म का कार्य
जो लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा खड़े रहते हैं। दान-धर्म के कार्य करते हैं। शनिदेव ऐसे लोगों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाते हैं। खासतौर से काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, तेल, कपड़े या खाने की सामग्री दान करने वालों से शनि बहुत प्रसन्न रहते हैं।
कुत्तों की सेवा
शनि देव (Shani Dev) कुत्तों की सेवा करने वालों पर हमेशा मेहरबान रहते हैं। खासतौर से काले कुत्ते को रोटी या दूध देने से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं। जो लोग नियमित रूप से कुत्तों की सेवा करते हैं, उन्हें आर्थिक मोर्चे पर शनि कभी कंगाल नहीं होने देते हैं। कहते हैं कि कुत्तों को सरसों के तेल में रोटी भिगोकर खिलाने से राहु-केतु दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
नाखून ना बढ़ने दें
न्याय प्रिय शनि देव (Shani Dev) को साफ-सफाई बहुत पसंद है। ऐसा कहते हैं कि जो लोग साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं, शनि उन्हें कभी नहीं सताते हैं। खासतौर से हमें अपने नाखून कभी गंदे नहीं रखने चाहिए। नाखूनों में गंदगी जमा होने से पहले ही इन्हें काट दें।
शनिवार को उपवास
जो लोग शनिवार को शनि देव (Shani Dev) का उपवास करते हैं और दान धर्म के कार्य करते हैं, उन पर शनि हमेशा मेहरबान रहते हैं। शनिवार को व्रत रखकर अपने हिस्से का भोजन जरूरतमंदों में बांटने वालों से शनि बहुत प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोगों के घर में अन्न के भंडार कभी खत्म नहीं होते हैं। उनके घर में धन की कभी कमी नहीं रहती है।
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पीपल के पेड़ की पूजा
जो लोग पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं या पौधारोपण करते हैं, उन पर भी शनि की कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसा कहते हैं कि हर शनिवार बरगद के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करने से शनि से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं। ये उपाय करने वालों के जीवन में शनि कभी अंधेरा नहीं होने देते हैं।
पितरों का श्राद्ध
जो लोग समय पर पितरों का श्राद्ध करते हैं, शनि प्रसन्न होकर उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं। पितृपक्ष में शनिवार और अमावस्या के दिन शनि की पूजा बड़ी फलदायी मानी जाती है। शनिवार का कारक ग्रह शनि है। जब शनिवार को अमावस्या आती है तो ये शनि पूजा के लिए बहुत शुभ योग बन जाता है। इस दिन शनि देव को तेल चढ़ाएं। पीपल की पूजा करें और जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करें।