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141 दिन शनिदेव कुंभ राशि में रहेंगे वक्री, इन राशियों पर भी पड़ेगा असर

वैदिक ज्योतिष

वैदिक ज्योतिष

नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष (Vedic astrology) के अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। कर्मफलदाता शनिदेव (Shani Dev)  29 अप्रैल को कुंभ राशि (Aquarius) में गोचर करेंगे और 5 जून को इसी राशि में वक्री अवस्था में आ जाएंगे। इस राशि में शनिदेव (Shani Dev) 23 अक्टूबर तक इसी अवस्था में रहेंगे।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव (Shani Dev)  हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनिदेव (Shani Dev)  का वक्री होने का अर्थ उल्टी चाल चलना है। शनिदेव (Shani Dev)  के प्रभाव से इस दौरान 3 राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

मेष (Aries) – शनि (Shani Dev) आपकी राशि के 11वें भाव में वक्री होंगे। इसे इनकम भाव भी कहा जाता है। इसलिए इस दौरान आपको इनकम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। व्यापार में घाटा हो सकता है। इस अवधि में पैसों के लेन-देन में सावधानी बरतें। शनि की वक्री अवस्था के दौरान वाहन चलाने में सावधानी बरतें। इस दौरान शनि और हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपको लाभ मिलेगा।

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सिंह (Leo) –  शनिदेव (Shani Dev) आपकी राशि के सप्तम यानी वैवाहिक जीवन व साझेदारी भाव में वक्री होंगे। इसलिए इस दौरान जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। पति-पत्नी में किसी बात को लेकर बहस होने की आशंका है। व्यापारियों के लिए समय अनुकूल नहीं है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से लाभ मिलेगा।

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कर्क (Cancer) – कर्क राशि वालों के अष्टम यानी आयु भाव में शनिदेव वक्री होने जा रहे हैं। इसलिए इस दौरान आप किसी रोग से पीड़ित हो सकते हैं। शनि की वक्री अवस्था में पैसों के लेन-देन में सावधानी बरतें। व्यापार में निवेश से बचें।  शनिवार को शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाने से लाभ मिलेगा।

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