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शनि जयंती कब है, यहां जानें पूजा विधि

Shani Jayanti

Shani Dev

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्य देव और छाया देवी के पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था। शनि जयंती (Shani Jayanti) के दिन कर्म और न्याय के देवता शनि देव को शनि जयंती के दिन विधिपूर्वक पूजन करके प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन मुख्य रूप से शनि महाराज की उपासना की जाती है, जिसके प्रभाव से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोग और कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। वहीं इस दिन दान पुण्य करने से जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ता है।

शनि जयंती कब है? (Shani Jayanti)

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 27 मई को रात्रि 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में शनि जयंती मंगलवार, 27 मई को मनाई जाएगी।

शनि जयंती (Shani Jayanti) पूजा विधि

शनि जयंती के दिन पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद काले रंग के वस्त्र पर शनि देव को स्थापित करें। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धूप दिखाएं। पंचगव्य, पंचामृत आदि से स्नान कराने के बाद कुमकुम, काजल लगाएं। इसके बाद उन्हें फूल चढ़ाएं और तेल से बनी मिठाई को भोग के तौर पर चढ़ाएं। फिर एक माला शनि मंत्र का जप करें। पंचोपचार मंत्र ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः का जप करना भी शुभ होगा। इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें और शनि देव की आरती करें। अंत में पूजन के दौरान अपनी गलतियों की क्षमा मांगें और शनि देव से आशीर्वाद मांगें।

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