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शनि प्रदोष व्रत : शनिवार के संयोग से कैसे मिलेगी सफलता और धनलाभ

Shani Pradosh Vrat

शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) है और शनि प्रदोष के दिन भगवान शंकर के साथ ही शनिदेव की पूजा का बड़ा ही महत्व है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जब शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि पड़ती है, तो वह प्रदोष, शनि प्रदोष कहलाता है। अतः शनि प्रदोष व्रत है और शनि प्रदोष के दिन भगवान शंकर के साथ ही शनिदेव की पूजा का बड़ा ही महत्व है।

सुकर्मा योग में सभी  शुभ कार्य करने  चाहिए। इस योग में नई नौकरी ज्वाइन करें या घर में  धार्मिक कार्य का आयोजन करें। इस योग में किए गए कार्यों में कोई  बाधा नहीं आती है। जानिए शनि प्रदोष व्रत के दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ। अगर आप भविष्य में अपने करियर के लिये कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं, तो आज  आपको शिवलिंग पर काले तिल मिले हुए जल का अभिषेक करना चाहिए और अभिषेक करते हुए ‘ऊँ’ शब्द का उच्चारण करना चाहिए।

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अगर आप किसी काम के लिये ठीक से फैसला नहीं ले पा रहे हैं, तो आज आपको शनिदेव के मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। शनिदेव का मंत्र इस प्रकार है -‘शं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः।’

अगर आप अपने सारे कष्ट को दूर करके एक खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, तो आज  पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही शनि के मंत्र का 21 बार जप करें। मंत्र है – ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।’

अगर आप काफी दिनों से अपनी लड़की या लड़के के लिये कोई रिश्ता ढूंढ रहे हैं, लेकिन आपको कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल पा रहा है, तो आज  आपको शिव मन्दिर में जाकर शिवजी और माता पार्वती को कलावे से एक सूत्र में बांधना चाहिए। साथ ही माता पार्वती को लाल चुनरी चढ़ानी चाहिए।

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अगर आप आर्थिक रूप से लाभ पाना चाहते हैं, तो आज  नीला पुष्प लेकर पीपल के पेड़ के पास रखकर घर वापस आ जाएं और घर आकर शनिदेव के मंत्र का 108 बार जप करें। मंत्र है -‘ऊं शं शनैश्चराय नम:।’

अगर आप परीक्षा में अपने परिणाम को लेकर चिंतित हैं, काफी मेहनत के बाद भी रिजल्ट को लेकर आपको एक पॉजिटिव फीलिंग नहीं आ रही है, तो आज  आपको एक विद्या यंत्र लेकर उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद उसे अपने पढ़ाई वाले कमरे में रखना चाहिए। साथ ही पीपल की जड़ में पानी डालना चाहिए।

अगर आप जीवन में अपना खूब नाम कमाना चाहते हैं, तो आज आपको शिवलिंग पर शमी पत्र अर्पित करने चाहिए। साथ ही भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जप करना चाहिए। भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र इस प्रकार है – ‘ऊँ नमः शिवाय।‘

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