• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस साल डोली पर होगा माता का आगमन, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

Writer D by Writer D
28/09/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Durga Chalisa

Durga Chalisa

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नवरात्र (Sharadiya Navratri) का शुभारंभ तीन अक्टूबर से हो रहा है। इस साल मां दुर्गा डोली पर आयेंगी और उनका प्रस्थान चरणायुध (बड़े पंजे वाले मुर्गे) पर होगा। मां का आना व जाना शुभ नहीं माना जा रहा है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि कलश स्थापना तीन अक्टूबर को पूरे दिन में किसी भी समय की जा सकती है लेकिन जहां तक अमृत मुहूर्त का सवाल है तो वह समय प्रातः 7: 16 मिनट से 8: 42 मिनट तक तथा सर्वोत्तम अभिजीत मुहूर्त सुबह 11: 12 मिनट से 11: 58 मिनट तक विशेष फलदायक है। कलश स्थापना सदैव पूजा घर के ईशान कोण में करनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा इस वर्ष नवरात्र (Sharadiya Navratri) में कैलाश से धरती पर पधारेगी। इसलिए उनका आगमन हस्त नक्षत्र में गुरुवार के दिन होने के कारण डोली की सवारी होगा। जो अत्यंत ही विनाश कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस वर्ष माता का आगमन डोली पर होता है उस वर्ष देश में रोग, शोक, प्राकृतिक आपदा आती है। माता का कैलाश प्रस्थान इस वर्ष चरणायुध की सवारी होगा। ऐसी स्थित में लोगों में तबाही की स्थिति रहेगी।

कलश स्थापना विधि:

कलश की स्थापना मंदिर या घर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए। मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए। स्नानादि करने के बाद सबसे पहले कलश स्थापना वाली जगह को गाय के गोबर से लीप लें या गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें।

फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें। कलश में जल या गंगाजल भरें और इसमें आम का पत्ता रखें। इसके बाद कलश के ऊपर रखी जाने वाली प्लेट में कुछ अनाज भर लें और उसके ऊपर नारियाल रखें। साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें।

चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें। इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें। कलश स्थापना के साथ अखंड दीपक की स्थापना भी की जाती है।

कलश स्थापना के साथ ही पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करें। हाथ में लाल फूल और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करके मंत्र जाप करें और फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित करें। मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं। अखंड ज्योति में गाय का घी शुद्धता के साथ घर में बना घी ही बेहतर होगा।

विशेष मंत्र : ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।’ मंगल कामना के साथ इस मंत्र का जप करें।

Tags: Sharadiya NavratriSharadiya Navratri 2024Sharadiya Navratri dateSharadiya Navratri muhuratSharadiya Navratri vrat
Previous Post

शरद पूर्णिमा कब है, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

Next Post

इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, जानें सही तारीख एवं मुहूर्त

Writer D

Writer D

Related Posts

Alcohol
Main Slider

सपने में खुद को पीते देखा है शराब, तो जान लें क्या है इसका मतलब

06/11/2025
Spouse
धर्म

इन उपायो से घर में आएगी खुशियों की बहार, दूर होगा ग्रह क्लेश

06/11/2025
अखंड ज्योति
धर्म

इस मंदिर में अखंड ज्योति से निकलता है केसर

06/11/2025
Sawan
धर्म

धन के भंडार भरे रहेंगे धारण करें रुद्राक्ष, जाने चमत्कारी लाभ

06/11/2025
Pot
Main Slider

इस दिशा में न रखें पानी का घड़ा, समस्याओं से घिर जाएगा जीवन

06/11/2025
Next Post
Diwali

इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, जानें सही तारीख एवं मुहूर्त

यह भी पढ़ें

Onion Rings

होली पार्टी स्टार्टर में रखें अनियन रिंग्स, बनाए इस तरह

09/03/2025
Karwa Chauth

इस साल करवा चौथ पर बन रहा है शुभ संयोग, जानें तिथि और मुहूर्त

01/10/2021

Rajkumar- Bhumi Pednekar की ‘बधाई दो’ इस दिन सिनेमाघरों में करेगी धमाका

30/10/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version