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शारदीय नवरात्रि आज से शुरू, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त और विधि

Sharadiya Navratri

Sharadiya Navratri

हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी मानी जाती है। प्रत्येक वर्ष 4 नवरात्रि आती है। जिसमे दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri)  शामिल हैं।

इस साल मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों ही कष्टकारी माना जा रहा है। देवी भगवती इस साल डोली पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर प्रस्थान करेंगी। मान्यता है कि जिस वर्ष माता का डोली पर आगमन होता है, उस वर्ष देश में रोग, शोक और प्राकृतिक आपदा आती है। वहीं, हाथी पर प्रस्थान अत्यधिक वर्षा का संकेत माना जाता है। आइए जानते हैं कलश स्थापना का मुहूर्त, सामग्री और विधि..

कलश स्थापना का मुहूर्त :

शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इस साल 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक कलश स्थापाना का मुहूर्त है। इसके बाद सुबह 11 बजकर 37 मिनट से लेकर 12 बजकर 23 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापित किया जा सकता है।

कलश स्थापना सामग्री :

हिंदू धर्म में सभी मांगलिक कार्यों में कलश स्थापित करना महत्वपूर्ण माना गया है। इसे सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए कलश में जल, पान का पत्ता, अक्षत,कुमकुम,आम का पत्ता, मोली, रोली केसर,दूर्वा-कुश, सुपारी, फूल, सूत, नारियल,अनाज,लाल कपड़ा, ज्वारे, 1-2 रुपए का सिक्का इत्यादि का उपयोग किया जाता है।

कलश स्थापना की विधि :

– नवरात्रि (Sharadiya Navratri) के पहले दिन कलश स्थापना करते समय सबसे पहले सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें।

– एक मिट्टी के बड़े पात्र में मिट्टी डाल दें और इसमें ज्वारे के बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी और बीज डालकर पात्र में थोड़ा-सा पानी छिड़क दें।

– अब गंगाजल भरे कलश और ज्वारे के पात्र पर मौली बांध दें। जल में सुपारी,दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी डाल दें।

– अब कलश के किनारों पर आम के 5 पत्तों को रखें और कलश का ढक्कन से ढक दें।

– एक नारियल लें और उसपर लाल कपड़ा या चुनरी लपेट दें। नारियल पर मौली बांध दें।

– इसके बाद कलश और ज्वारे स्थापित करने के लिए सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ कर लें।

– इसके बाद ज्वारे वाला पात्र रखें। उसके ऊपर कलश स्थापित करें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।

– फिर सभी देवी-देवताओं का आह्मान करने के साथ नवरात्रि की विधिवत पूजा आरंभ करें।

– कलश स्थापित करने के बाद नौ दिनों तक मंदिर में रखे रहना चाहिए।सुबह-शाम आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें।

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