वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स’ हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषणों के मामले में नियमों में ढील बरतता है।
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वही कांग्रेस नेता शशि थरूरने अपने ट्वीट के जरिये से कहा , ‘सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति निश्चित रूप से इन रिपोर्टों के बारे में फेसबुक का जवाब जानना चाहती है। समिति यह जानना चाहती है कि भारत में हेट स्पीच को लेकर उनका क्या प्रस्ताव है।
Our Parliamentary committee will, in the normal course, consider testimony under the topic “Safeguarding citizens’ rights & prevention of misuse of social/online news media platforms”. The subject is squarely within the IT Cmt’s mandate& @Facebook has been summoned in the past. https://t.co/saoK8B7VCN
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 16, 2020
शशि थरूर ने कहा, ‘हमारी संसदीय समिति सामान्य मामलों में “नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक/ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने” के तहत बयान पर विचार करेगी।
यह विषय समिति के अधिकार क्षेत्र में है और पिछले दिनों फेसबुक को तलब किया गया था।’ अंग्रेजी के अखबार इंडिया एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में सचिवालय फेसबुक से सोमवार को इस संदर्भ में लिखित स्पष्टीकरण की मांग करेगा और सोशल मीडिया कंपनी को तलब किए जाने की भी संभावना है।
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शशि थरूर के ट्वीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशिकांत दुबे ने कहा कि स्थायी समिति के अध्यक्ष के पास अपने सदस्य के साथ एजेंडा की चर्चा के बिना कुछ भी करने का अधिकार नहीं है। ये मुद्दे संसदीय समिति के नियमों के मुताबिक उठाए जा सकते हैं। शशि थरूर, राहुल गांधी को रोके बिना अथॉरिटी और स्पीकर की अनुमति के बिना यह नहीं हो सकता है।