प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के 75वें जन्मदिन पर जहां देश-विदेश से बधाइयों का तांता लगा रहा, वहीं एक खास बधाई ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने प्रधानमंत्री मोदी को सोशल मीडिया पर खुले दिल से जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं — और इसके साथ ही उनकी भाजपा में “घर वापसी” की चर्चाएं फिर से तेज़ हो गईं।
शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री के साथ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मेरे सच्चे मित्र और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। भगवान आपको अपार खुशियां, शांति, आनंद, उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करें।” इसके बाद एक और पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा, “एक बार दोस्त बने तो हमेशा दोस्त रहते हैं।”
उनकी यह भावनात्मक पोस्ट न केवल लोगों का ध्यान खींचने में सफल रही, बल्कि उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी नई अटकलों को जन्म दे गई। सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं। किसी ने लिखा, “क्या अब ममता दीदी से मोहभंग हो गया?” तो किसी ने तंज कसते हुए पूछा, “क्या भाजपा वाली पुरानी धमक याद आ रही है?” कुछ समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया कि, “अब समय आ गया है कि मोदी जी उन्हें भाजपा में वापस ले लें। मतभेद जीवन का हिस्सा होते हैं।”
गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा एक समय भारतीय जनता पार्टी के दमदार नेता माने जाते थे। उन्होंने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर कार्य किया और अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर रहे। लेकिन जैसे ही पार्टी से टिकट कटने लगा, उन्होंने भाजपा के खिलाफ बगावती सुर अपनाए और बाद में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बंगाल की आसनसोल सीट से TMC के टिकट पर जीत दर्ज की, जिससे उनकी राजनीतिक वापसी मजबूत मानी गई।
लेकिन अब जिस तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को व्यक्तिगत अंदाज़ में बधाई दी है, और उस बधाई के साथ पुराने संबंधों की गर्माहट को सार्वजनिक किया है — उससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं ‘बिहारी बाबू’ दोबारा अपने पुराने राजनीतिक घर यानी भाजपा की ओर तो रुख नहीं कर रहे?
सियासत में रिश्ते कब बदले और समीकरण कब बदल जाएं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह बात तय है कि शत्रुघ्न सिन्हा का यह एक पोस्ट, सिर्फ एक औपचारिक बधाई नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत भी माना जा सकता है। आने वाले दिनों में अगर भाजपा में उनकी वापसी होती है, तो यह कोई अप्रत्याशित घटनाक्रम नहीं होगा।