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षटतिला एकादशी व्रत कब है? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Shattila Ekadashi

Shattila Ekadashi

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने में दो बार एकादशी व्रत रखा जाता है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) कहा जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करने और व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। साथ ही, धन लाभ के लिए षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करना चाहिए।

षटतिला एकादशी के दिन तिल का विशेष महत्व होता है। षटतिला एकादशी के दिन पूजा में तिल का इस्तेमाल करने और तिल का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि दो दिन पड़ने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इस कंफ्यूजन को दूर करते हुए जानते हैं कि षटतिला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) व्रत कब रखा जाएगा

पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस एकादशी तिथि का समापन 25 जनवरी को रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में षटतिला एकादशी व्रत 25 जनवरी 2025 को किया जाएगा।

षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:26 मिनट से 6:19 मिनट तक।

विजय मुहूर्त – दोपहर 2:21 मिनट से 3:03 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त – शाम 5:52 मिनट से 6:19 मिनट तक।

निशिता मुहूर्त – रात 12:07 मिनट से 01 बजे तक।

षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) का पारण कब है?

पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी का व्रत पारण 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 बजकर 21 मिनट तक कर सकते हैं। इस शुभ मुहूर्त में आप षटतिला एकादशी व्रत का पारण कर सकते हैं। एकादशी व्रत का पारण करने के बाद गरीब लोगों को दान जरूर करें।

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